असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे ये मासूम बच्चे

January 5, 2019 | samvaad365

उत्तराखंड के नैनीताल में कक्षा दस के कुछ छात्र छात्राओं ने असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद का ऐसा उदाहरण पेश किया जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे। इन पंद्रह से सत्रह वर्ष के बच्चों ने अपनी जेबखर्च के रुपयों से गरीबों को महीने में पांच दिन शाही खाना खिलाना शुरू किया है। मंदिर के बहार भीख मांगने वाले शाही खाना खाने से बहुत खुश हैं और बच्चों को दुआएं दे रहे हैं। ये प्रक्रिया पिछले पांच महीनों से बदस्तूर जारी है ।

नैनीताल के सनवाल स्कूल और सैंट जोसफ स्कूल में पढ़ने वाले दस सदस्य दल के लीडर वैभव ने बताया की कुछ महीने पहले उन्होंने सोचा की लाख मेहनत और मजदूरी करने के बाद कुछ लोग अच्छा शाही खाना नहीं खा पाते हैं, जबकि इसी देश में कई लोग शादियों और दूसरी पार्टियों में आधा खाना खाकर बाकी बर्बाद कर देते हैं। इसी बीच उन्होंने सोशियल मीडिया में एक मैसेज पड़ा जिसमें लिखा था की “अमीरों की शादियों में लोग जितना खाना खाकर छोड़ देते हैं उतने में कई लोग खाकर अपनी भूख मिटा सकते हैं, इसलिए आप अपने हिस्से का खाना रखकर किसी गरीब की मदद करो” इस मैसेज से वैभव काफी प्रेरित हुए और उन्होंने ये बात स्कूल में अपने दोस्तों से शेयर की। वैभव के साथ रहने वाले सभी बच्चे निचले सामान्य परिवारों के हैं जिन्होंने एकजुट होकर अपने सपने को साकार करने के लिए अपनी पॉकेट मनी से हर बार 30/= रुपया देना शुरू कर दिया। दस बच्चों के रूपये जमा करने से 300/= रूपये जमा हो गए । इस पैसे से उन्होंने लजीज मशरूम, पनीर, चिकन और अन्य सब्जियां रेस्टोरेंट से खरीदी। वैभव और उनके साथियों ने नंबर लगाकर रोटी और पूड़ी अपने अपने घर से लानी शुरू की। उन्होंने मल्लीताल क्षेत्र में गरीब असहाय और जरूरतमंद लोगों को प्रेम से भोजन कराया। इन बच्चों ने 15 से 20 लोगों को खाना खिलाया और चाय पिलाई। इसके बाद उन्हें टी-पॉट में रखी गरम गरम चाय भी पिलाई। इन समाजसेवी बच्चों की आँखों में जो सुकून की झलक दिखी वो किसी भी आमिर से आमिर इन्सान से कहीं ज्यादा थी। वैभव के साथ काम करने वाली दसवीं की छात्रा कशिश रियाज के पिता ठेला लगाकर मोमबत्ती बेचते हैं। कशिश ने बताया की सब मिलकर वैभव के आईडिया को आगे बड़ा हरे हैं जिससे उन्हें भी बहुत अच्छा लगता है। उनके इस काम को ऊपरवाला देख रहा है और वो उनका भी ख्याल रखेगा। उन्हें गरीबों की मदद करने से जो सुकून मिलता है वो बहुत ज्यादा है। वैभव ने बताया की वो एक अधिकारी बनना चाहते हैं तांकि जरुरतमंद लोग उनके वहां आकर खूब खाना खाएं। आर्थिक मदद के एक सवाल पर उन्होंने कहा की वो लोगों को साथ तो जोड़ना चाहते हैं लेकिन उनसे खाना लेंगे या केवल 100/= रुपया लेंगे ।

इन नन्हें बच्चों के इस बड़े कदम की हर जगह सराहना हो रही है। सबसे पहले तो दो जून रोटी के लिए जद्दोजहद करते भिखारी ही उनके इस कदम से खुश हैं और उन्हें दुआएं दे रहे हैं। बच्चों के घरवाले और रिश्तेदार भी उनकी खूब तारीफ और मदद कर रहे हैं।

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नैनीताल/समीर साह

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