अरुण जेटली के निधन पर देश में शोक की लहर, ऐसे शुरू हुआ था जेटली का राजनीतिक सफर

August 24, 2019 | samvaad365

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने 12:07 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे। एम्स ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि वे बेहद दुःख के साथ सूचित कर रहे हैं कि 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर माननीय सांसद अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे। अरुण जेटली को 9 अगस्त को एम्स (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। अरुण जेटली के निधन पर पीएम मोदी से लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, ममता बेनर्जी, शशी थरूर ने भी ट्वीट कर दुःख व्यक्त किया।

राजनीति की शुरुआत

अरुण जेटली का राजनीति करियर उनके छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था। दरअसल, 1973 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति आंदोलन’ शुरू किया था। इस आंदोलन में विद्यार्थी और युवा संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने अधिक से अधिक छात्रों को आंदोलन से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय समिति बनाई। जेपी ने जेटली को इस राष्ट्रीय समिति का संयोजक बनाया। आपातकाल के वक्त 19 महीने रहे नजरबंद जेटली वर्ष 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बने थे। यही से उनका राजनीति की तरफ रुझान बढ़ गया था।

मोदी कैबिनेट में निभाई अहम भूमिका

जेटली को राज्यसभा से सांसद बनाया गया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनका पद सुरिक्षत हो गया। नोटबंदी और जीएसटी में निभाई अहम भूमिका मई 2014 में जेटली राज्यसभा में सदन के नेता बने। कुछ समय बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बना दिया और तबसे जेटली ने देश के वित्त मंत्री का पद संभाला था। नोटबंदी से लेकर जीएसटी लागू करने में जेटली की अहम भूमिका रही। राजनीति ही नहीं कानून की दुनिया में भी अरुण जेटली ने खूब नाम कमाया। अरुण जेटली के निधन से हर कोई सदमे में हैं। अरूण जेटली का जाना देश और राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

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संवाद365/काजल

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