एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ प्रिवेंटिव ओंकोलॉजी ओपीडी क्लिनिक

July 4, 2019 | samvaad365

ऋषिकेश:अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार से प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी ओपीडी क्लिनिक शुरू हो गई। प्रारंभिक कैंसर परीक्षण की ओपीडी के पहले दिन 25 लोगों ने जांच कराई, साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों को परामर्श दिया। संस्थान में प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी क्लिनिक प्रत्येक सप्ताह बृहस्पतिवार को दोपहर दो से चार बजे तक नियमितरूप से संचालित की जाएगी।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के वार्निंग सिग्नल के मद्देनजर संस्थान की ओर से लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए संस्थान में प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी ​ओपीडी क्लिनिक शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि नार्थ ​इंडिया में दिल्ली एम्स के बाद ऋषिकेश एम्स में ही प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी क्लिनिक कैंसर निवारण क्लिनिक संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस क्लिनिक के जरिए हम मरीज की जांच कर कैंसर को शुरुआती अवस्था अथवा कैंसर बनने से पहले पकड़ सकते हैं, जिसका शतप्रतिशत उपचार संभव है। निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई इस सुविधा का लाभ तभी संभव है जब अधिकाधिक लोग जागरुक हों व अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।

निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि प्रेवेंटिव ओंकोलॉजी क्लिनिक में मुहं के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय के कैंसर आदि की जांच की समुचित सुविधा उपलब्ध कराई गई है। साथ ही ओपीडी क्लिनिक के साथ ही इसमें तंबाकू निवारण क्लिनिक का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ओपीडी क्लिनिक में मेडिकल ओंकोलॉजी विभाग, विकिरण चिकित्सा, मनोरोग, महिला रोग और शल्य चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी मरीजों की जांच व उपचार के लिए तैनात किया गया है। इस अवसर पर क्लिनिक में रेडियो ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज गुप्ता, सर्जीकल ओंकोलॉजी के डा. पंकज गर्ग, मेडिकल ओंकोलॉजी के डा. अमित सहरावत, स्त्री रोग विभाग की डा. राज लक्ष्मी, मनोरोग विभाग के डा. हर्षित मौजूद रहे।

यह हैं कैंसर के प्रारंभिक लक्षण                                                                                                          एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि मुहं में लंबे समय से छाला जो कि ठीक नहीं हो रहा हो, आवाज में परिवर्तन, खाना निगलने में रुकावट, लंबे समय से खांसी जो कि उपचार के बाद भी ठीक नहीं हो रही हो, खासी के साथ बलगम में खून आना, योनी मार्ग से असामान्य रक्त प्रवाह, पेशाब में खून आना, स्तन में गांठ होना आदि ऐसा कोई भी लक्षण कैंसर हो सकता है, लिहाजा ऐसा कोई भी लक्षण पाए जाने पर रोगी को तत्काल संस्थान की ओपीडी में चिकित्सकों से जांच व परामर्श लेना चाहिए।

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संवाद365/हेमवती नंदन भट्ट (हेमू)

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