रूद्रप्रयाग : उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर उत्तराखण्ड की सरकारी ने कोई संजीदगी तो नहीं दिखाई लेकिन आन्दोलनकारियों को जरूर जेलों में ठूंस दिया गया है. बुधवार को गैरसैंण में सरकार के निर्देश पर पुलिस द्वारा गैरसैंण स्थाई राजधानी की मांग कर रहे 22 महिलाओं और 12 पुरूष आन्दोलनकारियों को फुरसाड़ी जेल भेज दिया है. इस गिरफ्तारी को लेकर रूद्रप्रयाग जनपद में भी जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है. जरा इस बात को भी समझिए. एक तरफ प्रदेश में विधायक शराब पीकर बंदूकें लहराकर उत्तराखंड को गाली दे रहा है…. दूसरी तरफ देवप्रयाग में शराब फैक्टी को लेकर लोग गुस्सा दिखा रहे हैं तो वहीं तीसरी तरफ राज्य आंदोलनकारी हैं. लम्बे जनआन्दोलन और 42 शहादतों के बाद 9 नवम्बर 2000 को उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना हुई थी.
पहाड़ के लोगों ने अपना अलग पर्वतीय राज्य का ऐसा सपना देखा था जिसमें पहाड़ की भौगोलिक पारिस्थितियों को देखते हुए विकासपरख योजनाएं बनें सरकारें पहाड़ में बैंठे और पहाड में रहकर पहाड़ के पहाड़ जैसे दुख दर्द और समस्याओं को सुनें और इन पहाड़ों के विकास को लेकर गम्भीरता से ध्यान दे. लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है 19 वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य अपनी स्थाई राजधानी की तलाश में सड़कों पर उतरा रहा है. जबकि उत्तराखण्ड आन्दोलन के शुरूआत में ही पहाड़ की राजधानी पहाड़ के केन्द्र बिन्दु गैरसैंण में प्रस्तावित हो गई थी.
राज्य बनने के दो दशकों में 9 मुख्यमंत्रियों की पैदावार यहां जरूर हो गई है लेकिन स्थाई राजधानी के नाम पर भाजपा.कांग्रेस ने जनता को ग्रीष्मकालीन.शीतकालीन राजधानी का ही झुनझुना पकड़ाया है. पिछले लम्बे समय से स्थाई राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर छोटे.छोटे जन आन्दोलन हो रहे हैं. लेकिन सरकार की दमनकारी नीतियों के तहत इन आन्दोलनकों को कुचलने का षड़यंत्र रचा जा रहा है जिसके तहत बुधवार को गैरसैंण में 22 महिलाओं और 12 पुरूष आन्देलनकारियों को पुरसाड़ी जेल भेजा गया। सरकारी की इस दमनकारी नीति के खिलाफ रूद्रप्रयाग में लोगों भारी गुस्सा है. रूद्रप्रयाग में गैरसैंण राजधानी मांग कर रहे आन्दोलनकारियों को सरकार के जेल भेजने से लोगों भारी आक्रोश है….. इसी को लेकर रूद्रप्रयाग में आज उत्तराखण्ड सरकार का पुतल दहन किया गया और लोगों ने आक्रोशित स्वर में कहा कि आन्दोलन कारियों पर किए झूठे मुकदमें जब सरकार बहार नहीं लेती है। सरकार के खिलाफ बड़ा आन्दोलन किया जायेगा.
आंदोलनकारियों को कांग्रेस का समर्थन
राज्य आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी हुई थी तो इस मामले पर सियासत भी बनती ही है. लगातार सुर्खियों में रहने वाले उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत दिल्ली जा रहे थे . लेकिन प्लान बदला गया हरीश रावत पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, सरिता आर्य, जोत सिंह बिष्ट, अनुसूया प्रसाद मैखुरी, राजेंद्र भंडारी गैरसैंण पहुंचे और आंदोलनकारियों को अपना समर्थन दिया.
(संवाद 365/ कुलदीप राणा )
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