देहरादून: उत्तराखंड में यातायात के नियमों को तोड़ना आज से भारी पड़ जायेगा आज से नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सरकार ने राज्य स्तरीय कंपाउंडिंग की नई दरें लागू कर दी हैं. इससे पहले यह कानून चेतावनी के तौर पर जारी था लेकिन अब सरकार ने इस पर अधिसूचना जारी कर दी है, यानी की अब टै्रफिक नियमों को तोडना महंगा पड़ेगा, हालंकि प्रदूषण के मानक पूरे करने के लिए सरकार ने 31 अक्तूबर तक की मोहलत दे दी है. इसके साथ ही छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए कार में लगने वाली सुरक्षात्मक सीट पर भी राहत दी गई है.
नए मोटर व्हीकल एक्ट में प्रदूषण के लिए 10 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया है. डीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था संभाल रहे अशोक कुमार का कहना है की लोगों को भी ट्रेफिक नियमों के प्रति जागरूक होना चाहिये जिससे दुर्घटनाएं भी कम होंगी.
नए एक्ट के तहत राज्य ने वाहन में पहली बार प्रदूषण मानक का उल्लंघन करने पर 2500 और दूसरी बार के लिए 5000 रुपये की कंपाउंडिंग तय की है. फिलहाल 31 अक्तूबर तक प्रदूषण मानक उल्लंघन पर पुरानी दरें लागू रहेंगी. किसी वाहन का बीमा नहीं पाया गया तो उस पर 1000 रुपये से 4000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा. जारी अधिसूचना में इस अपराध में पकड़े जाने वाले दुपहिया व तिपहिया वाहन पर पहली बार में 1000 रुपये, उसके बाद फिर पकड़े जाने पर 2000 रुपये कंपाउंड शुल्क तय किया गया है.
जबकि कारों व अन्य वाहनों से इस तरह के अपराध में पहली बार में 2000 रुपये और दूसरी व बार-बार पकड़े जाने पर 4000 रुपये की वसूली होगी. जारी अधिसूचना के मुताबिक यदि कोई वाहन चलाते समय मोबाइल या हैंड हेल्ड कम्युनिकेशन डिवाइस का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया तो पहली बार में 1000 रुपये और दूसरी तथा बार-बार अपराध करने पर पांच हजार का कंपाउंड शुल्क वसूला जाएगा.
अगर दुपहिया वाहन चालक और सवार ने हेलमेट नहीं पहना तो 1000 रुपये जुर्माना देना होगा, तीन माह के लिए लाइसेंस निरस्त यदि एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड व इमरजेंसी वाहन का मार्ग रोका गया तो 5000 रुपये का जुर्माना भुगतना होगा अगर वाहन चालक या उसमें बैठे यात्री ने सील्ट बेल्ट नहीं बांधी होगी तो 1000 रुपये देने होंगे.
(संवाद 365/ किशोर रावत)
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