एम्स ऋषिकेश में दो दिवसीय नेशनल मूवमेंट डिस्ऑर्डर्स कॉन्क्लेव का शुभारंभ

July 13, 2019 | samvaad365

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को दो दिवसीय प्रथम नेशनल मूवमेंट डिस्ऑर्डर्स काॅन्क्लेव, उत्तराखंड का विधिवत शुभारंभ हो गया। जिसमें देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट व शोधकर्ताओं ने शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली कम्पन की बीमारी के कारण व निवारण पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस बीमारी की चिकित्सा पद्धति में हुए बदलावों के साथ ही नवीनतम चिकित्सा प्रणाली पर भी चर्चा की। सम्मेलन में एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की ओर से निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने देहरादून के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. एके सिंह को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से नवाजा।

संस्थान में शनिवार को आयोजित दो दिवसीय प्रथम नेशनल मूवमेंट डिस्ऑर्डर्स काॅन्क्लेव, उत्तराखंड का बतौर मुख्य अतिथि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में मरीजों को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संस्थागत स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान में न्यूरोलॉजी के साथ ही अन्य विभागों को भी विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाएगा,जिससे उत्तराखंड व आसपास के प्रदेशों के मरीजों को अन्यत्र इलाज के लिए नहीं जाना पड़े।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने समय समय पर संस्थान को सहयोग करने के लिए केजीएमयू के डा. हरदीप सिंह मल्होत्रा, एम्स दिल्ली की प्रो. पद्मा श्रीवास्तव व पीजीआई चंडीगढ़ के डा. विवेक लाल की सराहना की। सम्मेलन में एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने दून के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन  प्रो. एके सिंह को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से नवाजा और बताया कि उत्तराखंड में मरीजों को न्यूरोलॉजिकल सुविधाएं देने के लिए  प्रो. सिंह की अहम भूमिका रही है। उन्होंने उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए आयोजन सचिव व एम्स के न्यूरो विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार, डा. ऋतुश्री व डा. दिव्या एमआर. के प्रयासों की सराहना की।

सम्मेलन के पहले दिन एम्स दिल्ली की कॉर्डियो न्यूरो सेंटर की प्रमुख व न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. पद्मा श्रीवास्तव ने लकवे की बीमारी के बाद होने वाले रोगों व उसके उपचार की जानकारी दी व बीमारी के बाबत नए रिसर्च से अवगत कराया। निम्हांस बैंगलौर के प्रो. प्रमोद पाल, श्रीचित्रा इंस्टीट्यूट त्रिवेंद्रम की प्रो. आशा किशोर व कलकत्ता के डा. ऋषिकेश कुमार ने बताया कि व्यक्ति में  पार्किन्सन बढ़ती हुई उम्र में पाया जाता है और इससे मरीज में धीमापन व कम्पन के साथ ही चाल में खराबी आ जाती है। उन्होंने इस बीमारी पर हुए नए शोध कार्यों पर भी प्रकाश डाला। मुंबई की डा. चारूलता संकला ने बच्चों में होने वाले कम्पन की बीमारी के कारण व उपचार पद्धति के बारे में जानकारी दी।

निम्हांस बैंगलौर के डा. रवि यादव ने बच्चों में होने वाली टिक्स के लक्षणों व उपचार पर भी व्याख्यान दिया। पीजीआई चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. विवेक लाल ने कम्पन रोग से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों को मरीज के आंखों के मूवमेंट से पता लगाने संबंधी जानकारियां दी। कलकत्ता के डा. कल्याण भट्टाचार्य ने विल्सन डिजिज नाम की बीमारी के लक्षण व उपचार पद्धति पर व्याख्यान दिया। ऋषिकेश एम्स के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार ने बच्चों से लेकर बुढ़ापे तक होने वाली कोरिया नामक बीमारी के लक्षणों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि बच्चों में कईबार यह बीमारी गले में खरास व बुखार के बाद हो सकती है, उन्होंने बताया कि कुछ लोगों में यह बीमारी आनुवांशिकतौर पर भी होती है।

न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज ने बताया कि एम्स संस्थान में खासतौर से संचालित होने वाले मूवमेंट डिस्आर्डर क्लिनिक में इन बीमारियों से जूझ रहे मरीज अपना उपचार व चिकित्सकीय परामर्श ले सकते हैं। इस अवसर पर एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, डीन एलुमिनाई प्रो. बीना रवि, प्रो. किम जैकब मेमन, डा. भानु दुग्गल, डा. बीएल चौधरी, दून न्यूरो क्लब के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. महेश कुड़ियाल,डा.जितेंद्र चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।

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संवाद365/हेमवती नंदन भट्ट (हेमू)

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