लखनऊ के राममनोहर लोहिया सामुदायिक केंद्र में आयोजित सत्संग में पहुँचे माता मंगला जी एवं भोले जी महाराज 

February 24, 2020 | samvaad365

आज के समय आप देखते होंगे कि मनुष्य एक दूसरे की बुराई करने में अपना समय बर्बाद कर देता है। लेकिन उसे खुद के अंदर की बुराई नहीं दिखाई देती। हम दूसरों की बुराई कर अधिक समय खराब कर देते है,भले ही हम में लाख बुराइयाँ हो, वह हमें नहीं देखाई देती,तभी तो संत कबीरदास ने कहा है-

बुरा जो देखन मैं चला,बुरा न मिलिया कोई।

जो दिल खोजा आपना,मुझसे बुरा न कोई।।

इसलिए हमें अपने दिल में झांक कर देखना है कि हमारे अंदर कितनी बुराई है। हमें अपनी बुराइयों को कम करना हैं और यह कैसे होगा,जब हम सत्संग में बताई गई बातों का अनुसरण करेंगे। इसलिए कहा गया है कि सत्संग जीवन के अंधकार को खत्म कर नयी दिशा देता है।

उक्त विचार माताश्री मंगला जी ने श्री हंसलोक जनकल्याण समिति के तत्वावधान में लखनऊ के राममनोहर लोहिया सामुदायिक केंद्र में आयोजित विशाल सत्संग समारोह में मौजूद हजारों भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।  लखनऊ में आयोजित इस विशाल सत्संग समारोह में पहुँचे उत्तर प्रदेश के समस्त प्रेमी भक्तों व अनुयायियों ने पूज्य श्री भोले जी महाराज जी एवं माताश्री मंगला जी का करबद्ध स्वागत कर अभिनंदन किया।

माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी ने अपने भक्तों एवं अनुयायियों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहाँ कि आज हम अदब, उर्दू अंदाज़ के शहर लखनऊ में है। देश-दुनिया में यहाँ के नवाबों के अदब और नफासत के चर्चे होते हैं। यहां बोली जाने वाली मीठी भाषा बेहद प्रभावित करती हैं। लखनऊ  का नाम आते ही अदब और तहजीब की एक रवायत सी महसूस होने लगती है।  इसलिए कहा भी गया है कि यदि आप शांति,सौम्यता और अदब के  साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाते है तो आप अपनी आत्मा को उत्थान की ओर आगे बढ़ाते है। जिससे सारी बुराइयाँ खत्म होती हैं और विकास के मार्ग खुलते है और जब विकास का मार्ग खुलता है तो हम सेवा के पथ पर चलते हुए असंख्य लोगों के लिए मदद का मार्ग खोलते है।

माता मंगला जी ने कहा कि सेवा के मार्ग पर चलते हुए हम देश के 28 राज्यों में सेवाएं दे रहे है। स्वास्थ्य-शिक्षा,कृषि,स्वच्छ जल,महिला सशक्तिकरण,दिव्यांगजनों के लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हमारी सेवाएं चल रही है। यहाँ किसानों को द हंस फाउंडेशन के माध्यम से हज़ारों किसानों को शिवांश खाद्य बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। जिससे ग्रामीण समुदायों की आय और खाद्य सुरक्षा में वृद्धि हुई हैं और कुपोषण को काफी कम कर दिया है। उनकी निम्‍नीकृत भूमि जीवन में वापस आ गई है,और बिना रसायनों के उच्च गुणवत्ता वाली उपज किसान पैदा कर रहे है।

माता मंगला जी कहा कि प्रयागराज में 2018 आयोजित कुंभ मेले में हंस फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित नेत्र कुंभ लाखों लोगों को आँखों की रोशनी लौटी इन लोगों को नि:शुल्क चश्मे और दवाइयां उपलब्ध करवाएं गए। यह हम सब के लिए गर्व की बात रही कि हमारे इस कार्य को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में शामिल किया गया। हम उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मॉर्डन शिक्षा पद्धति,महिला उत्थान और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा के कई महत्वपूर्ण कार्य कर रहे है। जिनका फायदा सीधे तौर पर लोगों को मिल रहा है।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि इस सत्संग में आए आप सभी भक्तों से निवेदन करना चाहूँगी की आप संस्था की सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाएं और सेवा के मार्ग पर आगे बढ़े। इस मौके पर पूज्य श्री भोले जी महाराज जी ने ‘हरी भजन बिना सुख ना ही रे’, और हंसा निकल गया पिजंरे से भजन सुना भक्तों का मार्ग प्रशस्त किया। लखनऊ  के राममनोहर लोहिया सामुदायिक केंद्र में आयोजित इस विशाल सत्संग में पहुँचे उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के हजारों सत्संग प्रेमियों ने देर तक माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी के प्रवचनों का आनंद लिया।

यह खबर भी पढ़ें-भारतीय छात्र संसद के 10वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 

यह खबर भी पढ़ें-हंस फाउंडेशन की मदद के बाद, बोन मेरो से पीड़ित उत्तरकाशी के सक्षम को अब आपकी मदद की दरकरा… ऐसे करें सक्षम की मदद…

संवाद365

47106

You may also like