बिहार: बिहार के धार्मिक और ऐतिहासिक शहर से गया होकर बहने वाली फल्गु नदी के प्रदूषण के मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब माँगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर क्या कारण है कि जो फल्गु नदी इतनी प्रदूषित है। कोर्ट ने फल्गु नदी के प्रदूषण को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई भी की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने प्रतिज्ञा नामक एक सामाजिक संस्था की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की गई। कोर्ट को यह बताया गया कि गया और बोधगया में नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध बिलकुल नहीं के बराबर हैं। अगर देखा जाये तो दोनों शहर अगल-बगल है और दोनों शहर धार्मिक और ऐतिहासिक भी है। फल्गु नदी के किनारे बसे शहर पिंडदान के लिए विश्वविख्यात है।
देश ही नही विदेशों से लोग अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए हर साल यहाँ आते हैं जबकि बोधगया में बारहों मास विदेशी सैलानी आते रहते हैं। कोर्ट को बताया गया कि गया और बोध गया दोनों न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बल्कि धार्मिक महत्व से जुड़े भी हुए हैं। इसके साथ ही साथ ही यह पर्यटन स्थल के रूप में भी विख्यात हैं। शहर और नदी की दुर्दशा देख सैलानी क्या सोचते होंगे। इसका अनुमान बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार सहित गया नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। साथ ही मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 15 जुलाई की तय हुई है।
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संवाद365/कोमल राजपूत