रुद्रप्रयाग: आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की हुंकार… अब तो सुनो सरकार

January 23, 2020 | samvaad365

रुद्रप्रयाग: पिछले चालीस दिनों से अपनी छः सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलनररत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का गुुस्सा अब उग्र होने लगा है. महिलाओं का आक्रोश दिन-प्रतिदिन उग्र होता जा रहा है, जिन महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के भरोसे भविष्य के कर्णधारों की नींव रखने का जिम्मा है, वे पिछले चालीस दिनों से अपने अधिकारों के लिए आन्दोलन कर रहे हैं. आँगनबाड़ी सेविकाओं का साफ तौर पर कहना है कि जितना कार्य उनसे करवाया जा रहा है, उसके हिसाब से उनका मानदेय एक दैनिक मजदूरी करने वाले से भी तीन गुना कम है, जिस देश और प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें होती हो वहां महिलाओं के साथ ऐसा भेदभाव सरकार की कथनी और करनी को स्पष्ट दर्शाती है.

दरअसल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के इस आन्दोलन को सत्तापक्ष को छोड़कर जनपद के सभी सामाजिक, राजनीतिक संगठनों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है, हालांकि रूद्रप्रयाग के दोनों विधायकों द्वारा इन सेविकाओं के आन्दोलन को अब तक नजरअंदाज किया गया है, कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले 27 जनवरी को रूद्रप्रयाग की सड़कों पर महारैली निकालकर आक्रोश व्यक्त करेंगे.

आंगनबाड़ी सेविकाओं को काम के लिए मासिक मानदेय के रूप में छ हजार रूपया दिया जाता है, तो कि आज के समय में बेहद कम है. ये कार्यकत्रियां काम क्या करती हैं उसकी फेहरिस्त काफी लंबी है. ऐसे में उनका भी साफ मानना है कि जितना काम उतना दाम मिले. फिलहाल तो कार्यकत्रियों के हड़ताल पर जाने से कई तरह से व्यवस्थाएं पटरी से उतरी है उनकी सुनवाई कब होगी कहा नहीं जा सकता.

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संवाद365/कुलदीप राणा

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