रूद्रप्रयाग के संदीप गोस्वामी… पशुपालन से दे रहे हैं स्वरोजगार की मिसाल…

June 30, 2019 | samvaad365

रूद्रप्रयाग: उत्तराखण्ड में सरकारों ने जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं. लेकिन सरकारी विभागों की उदासीनता के चलते ये योजनाएं धरातल पर कम ही उतर पाती हैं. कई लोग इन योजनाओं का लाभ भी उठाना चाहते हैं लेकिन कागजी कार्यवाही और विभागों के चक्कर काटते काटते थक जाते हैं. लेकिन रुद्रप्रयाग में पशुपालन विभाग की पहल पर अगस्त्यमुन विकासखण्ड के हाट गांव निवासी संदीप गोस्वामी ने ऐसा उदाहरण पेश किया है जो न केवल प्रेरणा दे रहा है बल्कि पहाड़ों में स्वरोजगार की सम्भावनाओं पर भी मुहर लगा रहा है. लग्न और मेहनत से मुश्किल सा काम भी आसान हो जाता है. मजबूत इच्छा शक्ति और बुलंद हौसले सफलता की हर ऊँचाइयों को छू लेते हैं. पहाड़ के अधिकांश लोगों की तरह संदीप भी रोजगार की तलाश में दिल्ली गए थे, उन्होंने दो साल दिल्ली में नौकरी की, परिवार का भरण पोषण के लायक खर्चा नहीं उठा पाये. नौकरी रास न आई तो वे घर चले आए. यहां पशुपाल विभाग के सम्पर्क में आए तो साल 2013 में उन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया. मुर्गी व्यवसाय में अच्छी आमदनी होने लगी तो उन्होंने साल 2015 में बैंक से ऋण लेकर डेरी का कार्य आरम्भ कर दिया. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रमेश नितवाल की सलाह पर हॉलस्टेन फिजियन नस्ल की करीब एक दर्जन गाय लेकर डेरी व्यवसाय आरम्भ कर दिया.

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संदीप गोस्वामी बताते हैं कि एक गाय एक समय में करीब 10 से 12 लीटर दूध देती है. अब वे पिछले तीन साल से इस कार्य को कर रहे हैं और अपने साथ करीब 5 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. वर्तमान में संदीप अपनी डेयरी से करीब 100 लीटर दूध का उत्पादन कर रहे है जिसे केदारनाथ यात्रा लाइन और मुख्यतः अगस्त्यमुनि के बाजार में ये दूध निर्यात किया जाता है.  दूध की डिमांड इतनी है कि वे खपत पूरी नहीं कर पाते हैं. इधर पशुपालन विभाग द्वारा न केवल हाट गांव बल्कि इच्छुक लोगों से लगातार समन्वय स्थापित किया जाता है.

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उत्तराखंड बनने के बाद से ही पलायन और रोजगार सबसे बड़ी समस्याएं रही हैं…. योजनाएं बनी लेकिन धरातल पर उतर नहीं पाई. ऐसे में जरूरत हैं पशुपालन विभाग की तरह हर विभाग को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करने का और ग्रामीणों को आवश्यकता है संदीप गोस्वामी की तरह मजबूत इच्छा शक्ति से कार्य करने की.

(संवाद 365/कुलदीप राणा)

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