राजस्थान में पॉजिटिव और नेगेटिव को लेकर फंसा पेंच, कोरोना रिपोर्ट को लेकर असंमजस

September 16, 2020 | samvaad365

कोरोना ने पूरे देश में अपना केहर बरसा रखा। राजस्थान से लेकर देश को राजधानी दिल्ली तक हो रही कोरोना जांच की रिपोर्ट संदेह के दायरे में आने लगी है और ऐसा सिर्फ़ आम लोगों के साथ ही नहीं बल्कि ख़ास लोगों के साथ भी हो रहा है।
राजस्थान की नागौर सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल की कोरोना जांच की जो रिपोर्ट आई है उससे तो ये साफ़ हो चुका है कि या तो जांच का तरीक़ा या फिर रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया कही ना कही दोषपूर्ण है. सांसद बेनीवाल की लोकसभा सत्र से पहले लोक सभा सचिवालय के माध्यम से कोरोना जांच 11 सितम्बर को दिल्ली में हुई।
सैम्पल देकर बेनीवाल जयपुर आ गए और इसके बाद उन्हें 13 सितम्बर को लोक सभा सचिवालय से ये बताया गया कि वो कोरोना पॉज़िटिव हैं। यहां ये बताना भी ज़रूरी है कि बेनीवाल को अगस्त महीने में कोरोना संक्रमण हो चुका था और वो क़रीब दस दिन तक जयपुर के आर यूएचएस अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज भी करवा चुके थे। इसके बाद कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद बेनीवाल को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
लेकिन इसके बाद बेनीवाल को दिल्ली में हुई जांच को रिपोर्ट जब पॉज़िटिव आयी तो उन्होंने 13 सितम्बर को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में अपनी कोरोना जांच फिर से करवाई और 14 सितम्बर को इस जांच की जो रिपोर्ट आयी वो बेहद चौकाने वाली रही क्योंकि हनुमान बेनीवाल कोरोना नेगेटिव पाए गए। अब मुश्किल ये कि सांसद बेनीवाल आख़िर खुद को क्या माने? वह कोरोना पॉज़िटिव है या नेगेटिव।

बिना जांच किए ही लोगों को कोरोना संक्रमित करार दिया जा रहा है
हनुमान बेनीवाल तो एक बानगी मात्र है जयपुर में तो कोरोना जांच का सरकारी सिस्टम इतना लचर है कि यहां तो बिना जांच किए ही लोगों को कोरोना संक्रमित करार दिया जा रहा है. बीजेपी नेता और राज्य महिला आयोग पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने कोरोना का कोई सैम्पल तक नहीं दिया लेकिन उनके पति विनय शर्मा के मोबाइल फ़ोन पर सरकारी सिस्टम से संदेश भेजा गया कि आपकी पत्नी सुमन शर्मा कोरोना पॉज़िटिव हैं। पॉज़िटिव और नेगेटिव को लेकर असमंजस माहौल बना हुआ है।

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संवाद365/कोमल राजपूत

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