INS विक्रमादित्य पर तेजस की लैंडिंग और टेक ऑफ़ के मायने समझिए

January 13, 2020 | samvaad365

आखिर INS विक्रमादित्य में ऐसा क्या है कि उसकी चर्चा हर बार की जाती है….? आखिर तेजस को विक्रमादित्य पर लैंड और टेक ऑफ़ कर भारत ने उपलब्धि कैसे हासिल कर ली….?  इन सवालों के जवान आपको आज मिलने वाले हैं….

समंदर की लहरों पर भी इंडियन नेवी धीरे धीरे अपनी धाक जमाती जा रही है….. INS विराट …. आईएनएस कोलकाता… आईएनएस अरिहंत के बाद भारतीय नौसेना में शामिल हुए आईएनएस विक्रमादित्य ने दुश्मन को पहले ही सावधान कर दिया था, समंदर पर अगर कुछ भी होता है तो आईएनएस विक्रमादित्य भारत की वो ताकत बनेगा जो दुनिया के चुनिंदा देशों के पास है…. उपर से हाल ही में भारत ने स्वदेशी लाइट काम्बैक्ट एयरक्राफ्ट तेजस की लैंडिंग और टेक ऑफ़ कर दुनिया को अपना दम दिखा दिया.

एयरक्राफ्ट कैरियर का महत्व

आईएनएस विक्रमादित्य एक एयरक्राफ्ट कैरियर है…. सबसे पहले तो आपको बताते हैं कि आखिर एयरक्राफ्ट कैरियर होता क्या है…? नाम से ही आप समझ सकते हैं, समंदर की लहरों पर वो जहाज जो विमान को अपने साथ ले जा सकता है… सीधी भाषा में अगर कहें तो आईएनएस विक्रमादित्य समंदर की लहरों पर तैरता हुए भारत का एक एयरबेस है…. जहां से युद्धक विमान आसानी से उड़ान भरेंगे.

विक्रमादित्य खास क्यों है ? इसको भी आप समझिए… दरअसल एयरक्राफ्ट कैरियर किसी देश के पास होना ही बहुत बड़ी बात है… दुनिया के चुनिंदा देश ही ऐसे हैं, जिनके पास समंदर में एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, उनमें से भी बहुत कम देश ऐसे हैं जिनके पास विमान एयरक्राफ्ट है. और आसानी से समझिए….. कहने को तो जापान और थाईलैंड के पास भी एयरक्राफ्ट कैरियर हैं लेकिन उसमें सिर्फ हेलीकाॅप्टर ही उड़ान भर सकते हैं… दुनिया में सिर्फ 8 देश ही ऐसे हैं जिनके पास लड़ाकू विमान और हेलीकाॅप्टर ले जाने वाले एयरक्राफ्ट हैं. और इन्हीं में से एक है भारत का आईएनएस विक्रमादित्य.

INS विक्रमादित्य ?

आईएनएस विक्रमादित्य साल 2014 में सर्विस में आया, इसे भारत ने रसिया से लगभग 15 हजार करोड़ में खरीदा है. विक्रमादित्य पर कई मिसाइल और गन्स भी तैनात की जा सकती हैं, लेकिन ज्यादा इसका उपयोग विमान के लिए होता है. इस पर अभी तक मिग 29K को ही डिप्लाॅय किया जाता है, इसकी क्षमता 26 MIG29K फाइटर और 10 कामौव हैलीकाॅप्टर ले जाने की है. लेकिन अब स्वदेशी विमान तेजस का सफल परीक्षण भी भारत की ताकत को और मजबूत करता है. तो वहीं आने वाले समय में राफेल को भी आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया जा सकता है.

किसके पास कितने हैं

दुनिया भर में इस वक्त कुल एक्टिव एयरक्राफ्ट कैरियर की बात की जाए तो यूनाइटेड स्टेट आॅफ अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 11 कैरियर हैं, जबकि यूनाइटेड किंगडम के पास 2, चीन के पास 2, रूस के पास 1 और भारत के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर है, भारत की अगर बात करें तो 2 एयरक्राफ्ट कैरियर भारत के अभी अंडरकंस्ट्रक्शन हैं, जिनमें आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विशाल शामिल हैं, आईएनएस विशाल तो अपने नाम के मुताबिक ही विशाल होने वाला ह, इसका वजन लगभग 65000 टन होगा जो कि 2025 तक भारत को मिलने की संभावना है.

तेजस से कमाल कैसे

तेजस के लैंड करने से भला भारत को क्या फायदा और कैसी उपलब्धि ये सवाल कई लोगों के जहन में होगा, तो इसका मतलब भी हम आपको बताते हैं. अभी तक आपने ये जाना कि एयरक्राफ्ट कैरियर क्यों महत्वपूर्ण है और कोन वो चुनिंदा देश हैं जिनके पास ये हैं. अब एक और मामले में भी भारत चुनिंदा देशों की श्रेणी में आ गया है. वह है अपना खुद का एयरक्राफ्ट इस कैरियर पर उतारना, तेजस का ये नेवी वैरियेंट विमान था, जिसे विक्रमादित्य पर उतारा गया, इससे पहले सिर्फ चार देश ही अपने निर्मित विमान को कैरियर पर उतार पाए थे. क्योंकि तैरते रनवे पर जगह की कमी के साथ ही कई चुनौतियां होती हैं. तेजस ने अपना ये टेस्ट भी पास कर दिया है, अब ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले समय में आईएनएस विक्रांत और विशाल पर भी यह परीक्षण सफल रहेगा. साथ ही डीआरडीओ को ये भी इस बात की जानकारी होगी कि एयरक्राफ्ट कैरियर पर लैंड करने के लिए कैसा विमान बनाया जाए.

https://www.youtube.com/watch?v=LL5qLMARYbQ&t=9s

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