‘हे सड़क तु अब पौंछि गौं मा’ अनिल सिंह नेगी के पहले काव्य संग्रह का लोकार्पण  

July 19, 2021 | samvaad365

परिवहन विभाग उत्तराखंड में बतौर परिवहन कर अधिकारी अपनी सेवाएं दे रहे अनिल सिंह नेगी की पहली पुस्तक गढ़वाली काव्य संग्रह ‘हे सड़क तु अब पौंछि गौं मा’ का लोकार्पण ऑनलाइन ग्यारह गांव हिंदाव के फेसबुक पेज पर किया गया। वर्चुअल लोकार्पण के दौरान गिरीश बडोनी, देवेश जोशी, गिरीश सुंद्रियाल, गणेश खुगशाल, मदनमोहन डुकलान एवं वीना बैंजवाल भी मौजूद रहे। सभी समीक्षकों ने इस दौरान अनिल सिंह नेगी की प्रशांसा करते हुए बताया कि अनिल सिंह नेगी अपनी माटी से जुड़े व्यक्ति हैं, उनकी लेखनी काफी प्रभावित करती है।

कैसी है किताब ?

अनिल सिंह नेगी की पहली किताब एक गढ़वाली काव्य संग्रह है जिसका नाम है ”हे सड़क तु अब पौंछि गौं मा”, इस काव्य संग्रह में गढ़वाली कविताएं हैं जिनमे कुछ व्यंगात्मक कटाक्ष हैं तो कुछ जनसरोकार से जुड़े विषयों पर आधारित हैं। अनिल सिंह नेगी का कहना है कि हमारे समाज, परिवेश, सिस्टम और गांव में रहकर जो कुछ मैंने देखा और समझा उसी से भावाभिभूत होकर कुछ लिखने का प्रयास किया है।

 

गढ़वाली बोली भाषा को कैसे बढावा दें

लेखक अनिल सिंह नेगी का कहना है कि जहां तक गढ़वाली भाषा को बढ़ावा देने का प्रश्न है तो, भाषा स्वतः समप्रेषण का सशक्त माध्यम होती है और हम जितनी आसानी एवं बेबाकी से अपनी भाषा में किसी बात को कह सकते हैं, उतना किसी और में नहीं। कहने का अर्थ है भाषा को बढ़ाने के लिए सबसे पहले अधिक से अधिक अपनी भाषा को बोलने वाले होने चाहिए, घर से लेकर दफ्तर और नुक्कड़ से सिनेमाघर हर जगह अपनी भाषा में बतियाते रहें।
साथ ही विद्यालय पाठ्यक्रम में लोकभाषाओं गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी को रखकर बच्चों को अपनी भाषा के प्रति अभिरुचि उत्पन करवायी जानी चाहिए, दफ्तरों में भी स्थानीय लोगों से उनकी ही भाषा में बातचीत होनी चाहिए। महाराष्ट्र और हिमाचल इसके अच्छे उदाहरण हैं।

 

 

कौन हैं अनिल सिंह नेगी ?

अनिल सिंह नेगी का जन्म 2 मार्च 1981 को रूद्रप्रयाग जिले के जखोली गांव में हुआ था। पिता का नाम राजेंद्र सिंह नेगी एवं माता का नाम सरोजनी देवी नेगी है। वर्तमान समय में अनिल सिंह नेगी परिवहन विभाग उत्तराखंड में परिवहन कर अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। अनिल सिंह नेगी को प्राकृतिक जल, जंगल जमीन के संरक्षण के लिए काम करने में रूचि है इसके अलावा वो अपनी बोली भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए भी लगातार कार्य कर रहे हैं।

आपको कहां से मिलेगी किताब ?

हे सड़क तु अब पौंछि गौं मा गढ़वाली काव्य संग्रह आपको समय साक्ष्य पब्लिकेशन से प्राप्त हो सकती है साथ ही स्वंय लेखक अनिल सिंह नेगी भी आपको ये पुस्तक उपलब्ध करवा सकते हैं। फोन नंबर 9456492026

(संवाद365/विकेश)

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