देश का पहला जू सफारी बिहार के राजगीर में बनकर तैयार हो गया है । यहां आपको 5 तरह के वन्य प्राणी दिखेंगे । साथ ही यहां पर्यटक सुरक्षित तरीके से वाहनों से भ्रमण कर सकेंगे । नवंबर माह के अंत तक पर्यटकों के लिए यह ठिकाना खुल जाएगा। यहां घने जंगल के बीच शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हिरण विचरण करते दिखेंगे। 191 हेक्टेयर में बने जू सफारी में शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हिरण का अलग-अलग सफारी बना हुआ है। अपने इलाके में ये जानवर विचरण करते नजर आएंगे। पर्यटक मजबूत ग्लास (शीशा) लगे बंद वाहन में सवार होकर उन्हें नजदीक से देखने का आनंद उठाएंगे। इसके लिए विशेष तौर पर तैयार पूरी तरह वातानुकूलित वाहन आ गए हैं। तेंदुआ और भालू के स्थल के किनारे वाले क्षेत्रों में घेराबंदी के ऊपरी भाग में बिजली का करंट दौड़ाया गया है, ताकि वे किसी तरह बाहर नहीं निकल सकें। सुरक्षा का भरपूर ख्याल रखा गया है। सभी जानवरों के अलग-अलग सफारी हैं। सुरक्षा की दृष्टि से प्रवेश द्वार पर दो-दो गेट बने हैं।
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फिलहाल एक जोड़ा बाघ को इस क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। बाघों की संख्या में वृद्धि की योजना है। अभी एक जोड़ा तेंदुआ और एक जोड़ा भालू भी यहां छोड़ा गया है। सबके लिए 25-25 हेक्टेयर क्षेत्र सुरक्षित किया गया है। इनकी संख्या शीघ्र बढ़ेगी। हिरण की कई प्रजातियां यहां दिखेंगी। 30 हेक्टेयर क्षेत्र में हिरण विचरण करते नजर आते हैं। यहां कृष्ण मृग, चीतल, बारहसिंघा, नीलगाय आदि दिख रहे हैं।जू सफारी के अंदर ऊंचे टावर भी बने हैं। इन पर चढ़कर देखने का नजारा ही कुछ और है। राजगीर में कुल पांच पहाड़ियां हैं। जू सफारी दो पहाड़ियों के बीच में है। दक्षिण तरफ स्वर्ण गिरी और उत्तर की तरफ वैभार गिरि पर्वत है। रत्ना गिरि पहाड़ जू सफारी के पूर्व में है। बीच में मुख्य सड़क होने के कारण यह इलाका जू सफारी के संपर्क में नहीं आ पाया है। विपुल गिरि और उदय गिरि पहाड़ जू सफारी से थोड़ी दूरी पर स्थित हैं। यहां आने के लिए इंट्रेंस प्लाजा में प्रवेश टिकट मिलेगा उसके बाद पर्यटक सफारी प्लाजा में जाएंगे, वहां से वातानुकूलित बड़े ग्लास वाले वाहनों में बैठकर सैर करने का मौका मिलेगा।
संवाद365,डेस्क