कौशांबी में कानून व्यवस्था का इस कदर जनाजा निकला है की जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में 24 घंटों में 4 खून हो जाते हैं और पुलिस बस माथा पीटती रह जाती है.
दिन की सबसे सनसनी खेज और झंकझोर देने वाली खबर सैनी कोतवाली क्षेत्र के पथरावा गांव से आई जहां नहर किनारे एक खेत में पुआल के ढेर के पास 18 वर्षीय एक युवती का नग्न अवस्था में शव मिला.
खबर इतनी झंकजोर करने वाली थी की मौके पर तुरंत अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह अपनी फील्ड यूनिट और इंटेलीजेंस विंग के साथ पहुंच गए. युवती के कपड़े शव से करीब 500 मीटर की दूरी पर मिला. वहीं शव के पास कुछ शराब की बोतलें भी मिली, (पूरी खबर यहां पढ़ें)
वहीं सरायअकिल थाना क्षेत्र में 2 हत्याओं की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया. बिगहरा उस्मानपुर गांव में मामूली बात को लेकर चचेरे भाई ने परिवार के साथ मिलकर लाठी-डंडों से पीट-पीट कर भाई की ही बेरहमी से हत्या कर दी. मामले में पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है की पुलिस की मौजूदगी में ही अधेड़ शख्स की लाठी डंडों से पिटाई की गई. पुलिस ने फिलहाल पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है.
सराय अकिल थाने की ही दूसरी घटना में सिहोरवा गांव में घर पर सो रहे एक अधेड़ अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी.
पिपरी थाने के शेरपुर गांव में एक हेरतंगेज वारदात में जेल से कुछ दिन पहले ही जेल से छुटे अपराधी ने फॉर्महाउस की रखवाली कर रहे अधेड़ को कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद सीओ समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पर पहुंची लेकिन आरोपी मौका से फरार हो चुका था.
24 घंटे में लगातार 4 हत्याओं से जिले की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. और पुलिस के नाकार पन का एक बेहद ही घटिय़ा उदाहरण देखने को मिला है. यूपी में कानून व्यवस्था पहले ही हंसी ठिठोली करते हुए कई गंभीर वारदातों की वजह से पहेल ही बदनाम है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम का जो शोर टीवी औऱ मीडिय़ा में मचाय़ा जा रहा है उस शोर के बीचों बीच पुलिस को ना तो हाथरस की बेटी की चीख सुनाई दी थी और ना ही कौशांबी में नग्न हालत में मिली युवती की चीखें.
पुलिस का नाकार पन बस जांच का आश्वासन देकर ही छुप जाएगा. क्योंकि अभी तक किसी भी मामले में पुलिस ने कोई ठोस बयान जारी नहीं किया है. जांच की बात कहकर ही कौशांबी की नाकार पुलिस ने अपना पल्ला झा़ड़ने की कोशिश की है.
(संवाद365/नितिन अग्रहरि)