बिहार में निकाली गई भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों की अस्थि कलश शोभायात्रा

February 4, 2019 | samvaad365

महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया(श्रीलंका मंदिर)द्वारा महाबोधि विहार का 12वां वार्षिकोत्सव समारोह मनाया जा रहा है। जिसके तीसरे व अंतिम दिन भी भगवान बुद्ध व उनके दो शिष्य सारिपुत्ता और मोग्गलान के पवित्र धातु अवशेष के दर्शन के लिए शोभायात्रा निकाली गई,

इस शोभायात्रा की शुरुआत मगध प्रमंडल के आयुक्त टीएम विंधेस्वरी के हाथो से की गई। जिसके बाद महाबोधि सोसाईटी ऑफ इंडिया से भगवान बुद्ध व उनके दोनों शिष्यों के पवित्र धातु अवशेष को तीन रथो पर रखा गया और वहाँ से बोधगया के ‌विभिन्न मुख्य मार्गो से होते हुए भगवान बुद्ध के 80 फिट मूर्ती तक जाकर दोबारा वापस लौट गया।

इस शोभायात्रा में विभिन्न देशों के सैकड़ो श्रद्धालुओं के अलावा भारी संख्या में स्कूली के बच्चे और संस्थताओं के लोग शामिल हुए। श्रीलंका देश के कलाकरो के द्वारा वाद्य यंत्रो व बुद्धम शरणम गच्छामी से बोधगया गुंजयाम हो गया। बता दे कि इस पवित्र धातु अवशेष को 2007 में बोधगया लाया गया था और बौद्ध धर्म के धर्मगुरु परम पावन दलाई लामा के द्वारा स्थापित किया गया था। तब से प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव समारोह मनाया जाता है। और विदेशी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाता है।

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बिहार, गया/प्रवीण ओझा

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