एक अधिकारी ऐसे भी : शहीद की बेटी को गोद लेकर अफसर बनाने की ठानी

January 14, 2019 | samvaad365

अपने लिए तो हर कोई जीता है लेकिन बात तो उनकी होती है जो दूसरों के लिए जीते हैं  जी हां एक ऐसी ही दम्पति से आज आपको रूबरू करवाएंगे न सिर्फ एक शहीद जवान की बेटी को गोद लिया बल्कि उसे एक अधिकारी बनाने की भी मन में ठान ली।

हम बात कर रहे हैं देश की दूसरी महिला IPS अंजुम आरा और उनके IAS पति युनूस की। उन्होंने शहीद परमजीत की 12 साल की बेटी को गोद लेकर अफसर बनाने की ठानी है। आम जन में धारणा बनती जा रही कि कुर्सी मिलने के बाद लोग अफसरियत का रौब झाड़ते हैं, उऩ्हें समाज के दुख-दुर्द से मतलब नहीं होता। मगर इस दंपती ने ऐसी सोच पर करारा चोट करते हुए मिसाल खड़ी की।

सरहद की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए पंजाब के वीर बेटे परमजीत सिंह की बेटी को गोद लेकर मिशाल पेश की। अंजुम सोलन शिमला में सोलन जिला की एसपी हैं तो पति युनूस कुल्लू जिला के कलेक्टर हैं। हमारे बेटे को बहन मिल गई पाकिस्तान बार्डर एक्शन टीम के हमले में पंजाब के तरनतारन के परमजीत सिंह शहीद हो गए थे। उनकी 12 साल की बेटी ने अंतिम संस्कार किया तो यह कारुणिक दृश्य देख लोग पिघल गए थे। शहीद की बेटी के बारे में जानकारी मिलते ही हिमांचल प्रदेश में तैनात इस अफसर दंपती ने गोद लेने का फैसला किया।

हालांकि वे चाहते थे कि इस नेक काम का किसी को पता न चले, मगर कोई नेकी करे और उसकी खूशबू दूर-दूर तक न फैले, यह कैसे हो सकता है। जब इस पहल की चर्चा फैली तो सभी ने शहीद परमजीत सिंह की 12 साल की बेटी को गोद लेने की फैसला की वाहवाही की।

अफसर दंपती का कहना है कि बेटी की पढ़ाई-लिखाई से लेकर सभी खर्च वो उठाएंगे। युनुस और अंजुम आरा ने शहीद की पत्नी व अन्य परिवारवालों से भी इस बारे में बातकर उन्हें रजामंद कर लिया है। इस नौकरशाह दंपती का कहना है कि उनके पास एक छोटा सा बेटा है। अब शहीद की बेटी को अपनाने से बेटे के पास बहन भी हो जाएगी।

अंजुम आरा का कहना है कि शहीद की बेटी अपनी इच्छा के मुताबिक उनके साथ या फिर अपनी मां के साथ रह सकती है। बेटी चाहे जहां भी रहे मगर वह पढ़ाई-लिखाई और हर चीज में सहयोग करेंगे। अगर बेटी आइएएस या आइपीएस बनना चाहेगी तो पति-पत्नी मिलकर उसे अच्छे से गाइडेंस देंगे।

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संवाद 365 /संध्या सेमवाल

 

 

 

 

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