खलंगा युद्ध स्मारक नालापानी में गुरूवार को बलभद्र खलंगा विकास समिति ने मनाया अपना 48 वां स्थापना दिवस

May 13, 2022 | samvaad365

गुरूवार को बलभद्र खलंगा विकास समिति ने अपना 48 वां स्थापना दिवस खलंगा युद्ध स्मारक नालापानी में मनाया .

बता दें कि विश्व इतिहास में अंग्रेजों और गोरखाओं के मध्य एक अति भीषण युद्ध सन 1814 के अक्टूबर व नवंबर में नालापानी देहरादून में हुआ था। इस युद्ध में 600 वीर गोरखा, गढ़वाली कुमाऊनी और स्थानीय लोगों ने अंग्रेजी सेना की एक डिवीजन जो आधुनिक हथियारों व तोपों से लैस थी, अंग्रेजों के आक्रमण को ना केवल विफल किया बल्कि उनके सेनानायक जनरल जिलेस्पी तक को धराशाई किया था। इस युद्ध में जांबाज सेनानायक बलभद्र थापा ने अंग्रेजी सेना द्वारा पानी के एकमात्र स्रोत बंद किए जाने के बाद भोजन और पानी की कमी व ज्यादा सैनिकों के घायल होने की स्थिति में 30 नवंबर 1814 को अपने 70 सैनिकों के साथ गर्जना करते हुए खलंगा अजेय है, मैं स्वेच्छा से इसे छोड़ कर जा रहा हूं ,यह कहते हुए खलंगा का किला छोड़कर नहान मलौन की तरफ पलायन किया।

समिति की सचिव और मीडिया प्रभारी प्रभा ने बताया कि आज के आयोजन में स्थापना दिवस का शुभारंभ खलंगा युद्ध स्मारक से सहस्त्रधारा में स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता जागरूकता के लिए बहादुरी साइकिल रैली के साथ हुआ और जिस का समापन युद्ध स्मारक नालापानी में हुआ उन्होंने बताया कि इस रैली का नेतृत्व रोड स्पिन वॉरियर्स और पहाड़ी पेडलर्स टीम के कर्नल अनिल गुरंग, कर्नल संजीव थापा और कैप्टन गोपाल सिंह राना ने किया।

दरअसल खलंगा युद्ध जो आंग्ल- गोरखा युद्ध 1814-1816 के नाम से इतिहास में जाना जाता है। ऐसे में वीर वीरांगनाओं की इस बहादुरी के इतिहास को संजोने के लिए देहरादून के बुद्धिजीवियों ने 12 मई 1974 में श्री 108 महंत पूर्णानंद गिरि महाराज की अध्यक्षता में विकास समिति का गठन किया गया इसके बाद 16 मार्च 1975 में सागरताल में पहले मेले का आयोजन किया गया था.

संवाद 365, संदीप रावत

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