उत्तराखंड की डॉ. माधुरी बड़थ्वाल को देश का सर्वोच्च नारी सम्मान

March 9, 2019 | samvaad365

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर डॉक्टर माधुरी बड़थ्वाल को देश का सर्वोच्च महिला सम्मान ‘नारी शक्ति सम्मान’ से नवाज़ा गया। उत्तराखंडी लोकगीतों और संगीत के संरक्षित करने का काम कर रही डॉ. माधुरी ऑल इंडिया रेडियो की प्रथम म्यूज़िक कम्पोज़र हैं। पिछले 45 सालों से डॉ. बड़थ्वाल ने बड़े पैमाने पर उत्तराखंड के लोकसंगीत के प्रचार, लेखन और संरक्षण के लिए काम किया है।

उत्तराखंड में काफी भ्रमण कर उन्होंने प्रदेश के हर उम्र के हुनर को पहचाना। इस दौरान डॉ. माधुरी ने सैकड़ों संगीत विद्यार्थियों को ट्रेन किया और उनका निर्देशन भी किया। उत्तराखंड के दुर्लभ वाद्य यंत्रों को दस्तावेज़ के तौर पर संजोने वाली डॉ. माधुरी बड़थ्वाल ने अपनी शिक्षा लैंसडाउन से शुरु की। उनके पिता चंद्रमणि उनियाल ने समाज की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं की परवाह न करते हुए डॉ. माधुरी को प्रयाग संगीत समिति में विधिवत संगीत की शिक्षा दिलाई। हाईस्कूल के बाद कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने संगीत प्रभाकर की डिग्री हासिल की। जिसके बाद डॉ. बड़थ्वाल को अपने ही विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज लैंसडाउन में संगीत अध्यापिका के पद पर तैनाती मिली।

शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में डॉ. माधुरी बड़थ्वाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तराखंड के संगीत में उनके योगदान के लिए नारी शक्ति सम्मान से अलंकृत किया। बता दें कि 8 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की 40 महिलाओं और तीन संस्थाओं को देश के सर्वोच्च महिला पुरस्कार से सम्मानित किया। गौरतलब है कि इस साल नारी शक्ति सम्मान पुरस्कार के लिए कुल 1000 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। पुरस्कार से सम्मान पाने वाली डीडी न्यूज़ की वरिष्ठ पत्रकार नीलम शर्मा, कमांडो ट्रेनर सीमा राव, महिला उद्यमी कल्पना सरोज, ब्रह्मकुमारी, शिवानी वर्मा के साथ रानी मिस्त्री सुनीता देवी भी शामिल थीं।

 

संवाद365/ पुष्पा पुण्डीर

 

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