केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के फैसले से देशभर में हजारों शिक्षको की नौकरी पर तलवार लटक गई है। उत्तराखंड की यदि बात करें तो 500 से अधिक शिक्षामित्र, औपबंधिक और तदर्थ शिक्षक 31 मार्च के बाद कभी भी बेरोज़गार हो सकते हैं। दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 31 मार्च 2019 तक अप्रशिक्षित शिक्षामित्रों जिन्होंने अब तक ब्रिज और टीईटी कोर्स पास नहीं किय़ा उन्हें अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया है।
बता दें कि चार साल का समय दिए जाने के बावजूद देशभर में हज़ारों शिक्षकों ने पदों की अर्हता पूरी नहीं की। राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने बताया कि अर्हता पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की गई थी। लेकिन मंत्रालय ने इससे इंकार कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि उन्हें शिक्षकों की नौकरी की चिंता है, लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता उन बच्चों की है जिन्हें अप्रशिक्षित शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
वहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इस आदेश के बावजूद राज्य के 16608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रहेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने इन शिक्षकों को भी 31 मार्च 2019 तक ब्रिज कोर्स क्वालीफाई करने के निर्देश दिए थे। हालांकि संसद में पास हुए बिल से इन शिक्षकों को इस नियम की बाध्यता से राहत मिल गई थी। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने बताया कि मंत्रालय ने शुक्रवार को विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के मुद्दे पर दिल्ली में उत्तराखंड सरकार, एनसीटीई और एनसीईआरटी अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
संवाद365 / पुष्पा पुण्डीर