सीमल वृक्ष के औषधीय गुण जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

April 15, 2019 | samvaad365

उत्तराखंड अपने नैसर्गिक सौंदर्य और अपनी प्राकृतिक संपदा के लिए जाना जाता है। प्रकृति ने देवभूमि को कई प्राकृतिक नेमतों से नवाजा है। इनमें से ही एक है सीमल वृक्ष। अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाने वाला सीमल का वृक्ष वैसे तो दुनियाभर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। लेकिन उत्तराखंड में यह काफी अधिक मात्रा में मिलता है। इस वृक्ष का वैज्ञानिक नाम बॉम्बेक्स सीबा है और इसे सिल्क कॉटन ट्री के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि जनवरी से मार्च तक सीमल वृक्ष में सुर्ख गुलाबी फूल खिलते हैं। जहां एक तरफ यह फूल देखने में काफी आकर्षक होते हैं तो वहीं यह कई बीमारियों के इलाज के लिए भी प्रयोग होता है। इस वृक्ष के फूल, पत्ते, छाल और रूई सभी इस्तेमाल में लाए जाते है। औषधीय गुणों की बात करें तो पेट की बीमारियां, पित्त की अधिकता, फोड़े फुंसियां, डायरिया, बवासीर जैसी कई बीमारियों से यह वृक्ष निजात दिला सकता है। सीमल के पत्तों को पीसकर पानी के साथ इसके सेवन से खून में मौजूद अशुद्धियों को खत्म किया जा सकता है। खून में मौजूद यह अशुद्धियां शरीर में चर्मरोग का कारण भी बनती हैं। बता दें कि आयुर्वेद में सीमल का प्रयोग दमा, एनीमिया, और दस्त जैसी समस्याओं के समाधान के लिए होता है। सीमल के वृक्ष पर हुई एक रिसर्च की मानें तो इस पेड़ के सभी हिस्सों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड, वसा, विटामिन ए और विटामिन सी पाये जाते हैं। इस वृक्ष की जड़ों में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाये जाते हैं। इतना ही नहीं इसकी जड़ों के इस्तेमाल से हैजा, मूत्र से जुड़ी परेशानियां और पेट दर्द जैसी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।

संवाद365 / पुष्पा पुण्डीर

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