मथुरा:एक स्कूल ऐसा भी जहां यूनिफॉर्म पहनकर और लंच बॉक्स लेकर आम बच्चो की तरह पढ़ने आते भगवान

May 10, 2022 | samvaad365

लंच बॉक्स यूनिफॉर्म कुछ…. यू रोजाना तैयार होकर स्कूल जाते हैं लड्डू गोपाल बच्चों के साथ करते हैं पढ़ाई….

मथुरा मैं भगवान के ऐसे भक्त हैं जो भगवान को अपना बेटा मानते हैं उन्होंने 4 साल पहले अपने लड्डू गोपाल का एडमिशन वृंदावन में स्थित संदीपनी मुनि स्कूल में कराया था. वृंदावन में भगवान की ऐसी भक्त हैं जो लड्डू गोपाल को अपना बेटा मानते हैं उन्होंने 4 साल पहले लडडू गोपाल का नाम मुच्चू गोपाल रखकर नर्सरी में एडमिशन कराया था वह लड्डू गोपाल को रोज सुबह स्कूल लेकर पहुंचते हैं दोपहर को स्कूल की छुट्टी होने पर भगवान वापस अपने घर जाते हैं स्कूल में भगवान बच्चों के साथ पढ़ाई करते हैं लड्डू गोपाल 4 साल से बराबर पास हो रहे हैं पर बैठते अभी भी नर्सरी क्लास में ही हैं दिल्ली निवासी राम गोपाल तिवारी 7 साल पहले वृंदावन आए और कान्हा की भक्ति में लीन हो गए.

वे यहां वृंदावन के एक आश्रम में रहने लगें रामगोपाल की दिनचर्या अपने लाड़ले लड्डू गोपाल की सेवा से शुरू होती है और रात में वही पूरी हो जाती है 4 साल पहले रामगोपाल के मन में सवाल उठा कि सब बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं तो उनके लड्डू गोपाल क्यों नहीं पढ़ सकते इसके बाद वे मथुरा के वृंदावन स्थित संदीपनी मुनि स्कूल में लड्डू गोपाल को लेकर दाखिला कराने पहुंच गए प्रधानाचार्य दीपका शर्मा उनकी बात सुनकर हैरान रह गई पहले तो वह सहमत नहीं हुई लेकिन रामगोपाल अपनी जिद पर अड़ गए इसके बाद थक हारकर स्कूल प्रबंधन ने लड्डू गोपाल को स्कूल में आने की परमिशन दे दी इसके बाद से बे रोज लड्डू गोपाल को लेकर स्कूल जाते हैं स्कूल में लड्डू गोपाल का नाम मुच्चु गोपाल रखा गया है वह अब तीसरी कक्षा में पढ़ रहे हैं लेकिन बैठते नर्सरी में ही हैं वे एक छात्र की तरह स्कूल ड्रेस पहनकर लंच बॉक्स और पानी की बोतल के साथ ई रिक्शा में बैठकर स्कूल पहुंचते हैं स्कूल में वे छात्रों के साथ पढ़ाई करते हैं।

रामगोपाल कहते हैं कि देखिए मेरे मन में भाव आया कि जब सभी बच्चे पढ़ने जाते हैं तो मेरे लड्डू गोपाल क्यों नहीं जाएंगे इसके बाद स्कूल वालों से बात की उसके बाद उन्होंने स्कूल में आने की परमिशन मिली मैं इनकी अपने बच्चे के रूप में सेवा पूजा करता हूं मैं इनकी आरती नहीं करता और मैं इनको अपने साथ ही रखता हूं अब बहुत आनंद की अनुभूति होती है स्कूल वाले उन्हें क्लास पास करने का रिपोर्ट कार्ड भी देते हैं स्कूल की प्रिंसिपल कहती हैं कि शुरू में तो हमें थोड़ा सा अच्छा नहीं लगा लेकिन लड्डू गोपाल यहां आते तो हैं हम भी इन्हें आम बच्चों की तरह ट्रीट करते हैं यह सभी बच्चों के साथ बैठकर पढ़ते हैं और बच्चों को भी बहुत अच्छा लगता है वही उनके साथ पढ़ने वाले बच्चे भी कहते हैं कि देखिए हम इनके साथ खेलते हैं इनके साथ पढ़ते हैं तो हमें बहुत अच्छा लगता.

संवाद 365,अमित शर्मा

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