कोर्ट ने खनन में लगे वाहनों के ओवरलोडिंग के शासनादेश पर आज रोक लगा दी है

February 27, 2023 | samvaad365

नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खनन में लगे वाहनों के ओवरलोडिंग के शासनादेश पर आज रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य सरकार से 19 जुलाई से पहले जवाब मांगा है। ये फैसला कोर्ट ने प्रदेश में ट्रकों में मानक से अधिक माइनिंग सामग्री ले जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर की गई है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार देहरादून निवासी गगन परासर ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि खनन में लगे वाहनों के लिए जिला खनन समिति द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एक अपर लिमिट तय की गई थी। इस लिमिट के अनुसार 108 कुंतल तक ही खनन समाग्री वाहनों में लोड की जा सकती है। लेकिन अब सरकार ने ओवर लोडिंग को छूट दे दी थी। जिस पर कोर्ट ने आज सुनवाई की है।बताया जा रहा है कि मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 30 जनवरी 2023 को शासनादेश जारी कर 108 कुंतल से अधिक खनन सामग्री ले जाने की छूट दे दी। साथ में ओवर लोडिंग करने पर उन्हें रॉयल्टी देने को भी कहा गया। जबकि पहले ओवर लोडिंग करने वाले वाहनों को दूसरे दिन आने पर पाबंदी थी। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। जिस पर कोर्ट ने राज्य के ओवर लोडिंग 30 जनवरी 2023 के शासनादेश पर रोक लगा दी है।

मामले में सुनावाई करते हुए कोर्ट ने आरटीओ को आदेश दिए हैं कि मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों, केंद्र सरकार की ओवर लोडिंग नियमावली और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कड़ाई से पालन कराया जाए. कोर्ट ने जिला अधिकारी, आरटीओ, सचिव खनन और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई से पहले जवाब जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट के इस फैसले से जहां  क्रशर एसोसियेशन और प्रशासन को बड़ा झटका लगा है। वहीं ओवरलोडिंग का विरोध कर रहे वाहन स्वामियो की बड़ी जीत हुई है।

85874

You may also like