World Press Freedom Day: दुनियाभर में 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर वर्ष प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। साथ ही यह दिन दुनियाभर की सरकारों को 1948 के मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने और उसे बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुरुआत
सबसे पहले साल 1991 में दक्षिण अफ्रीका के पत्रकारों ने प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की मांग की थी. इन पत्रकारों ने तीन मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों को लेकर बयान जारी किया था जिसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जानते हैं. इसके 2 साल बाद 3 मई 1993 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य
प्रेस का कार्य लोगों तक सच पहुंचा कर उन्हें जागरुक करना है, लेकिन बदलते वक्त के साथ उससे ये हक छीन लिए गए हैं. आज दुनिया भर से पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की खबरें सामने आती रहती हैं. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का उद्देश्य पत्रकारों के साथ हिंसा रोक कर उनको लिखने और बोलने की आजादी देना है.
इस बार की थीम
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर बार किसी स्पेशल थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे की थीम ‘डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता’ (Journalism Under Digital Siege) है.
यूनेस्को देता है गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार
यूनेस्को 1997 से हर साल 3 मई को विश्व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम’ पुरस्कार देता है. यह पुरस्कार उस संस्थान या व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने प्रेस के आजादी के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो. भारत के किसी भी पत्रकार या संस्थान को अभी तक यह पुरस्कार नहीं दिया गया है.
संवाद 365, निशा ज्याला