बिस्कुट खाकर रह रहे थे बिहार में उत्तराखंड के युवा, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने खाने पहुंचाने के साथ युवकों को पहुंचाया पहाड़

May 10, 2020 | samvaad365

देहरादून: देश भर में लॉक डाउन के कारण फंसे लोगों की अनेक मार्मिक कहानियां सामने आ रही हैं , बेरोजगार हुए गरीब मजदूर व छोटी मोटी नौकरी करने वाले लोगों की इस कोरोना संकट काल में पहली प्राथमिकता अपने घर पहुंचने की है। ऐसे ही उत्तराखंड के उत्तरकाशी के 12 युवा जो बिहार के कैमूर जिले में फंस गए थे उनकी घर वापसी की संघर्ष की कहानी है। राजेश व उसके अन्य 11 साथी जिनमे से वो और अन्य दस युवा उत्तरकाशी के और एक टिहरी जिले के हैं नौकरी की तलाश में कुछ महीनों पहले बिहार के कैमूर जिले पहुंच गए जहां वे एक मार्केटिंग कम्पनी में बतौर सेल्समैन नौकरी करने लगे ,अभी चंद महीने ही उनको नौकरी लगे हुए थे कि तभी कोरोना के कारण 24 मार्च को अचानक लॉकडाउन घोषित हो गया। जिस कंपनी में ये युवा काम करते थे वो लॉकडाउन के बाद बंद हो गयी.जिसके बाद ये 12 युवा बेसहारा हो गए। जिसके बाद इन्होने कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना से सम्पर्क किया. उन्होने बताया कि उनके पास खाना पीना खत्म हो गया है. जिसके बाद धस्माना ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश से बात कर कैमूर में इन युवाओं के लिए भोजन की व्यवस्था करवाई, इसके साथ ही उत्तराखंड वापसी के लिए बस की व्यवस्था करके घर पहुंचाया. इन युवाओ के डोईवाला पहुंचने के बाद धस्माना ने युवा कांग्रेस महानगर के अध्यक्ष गौतम सोनकर ,कांग्रेस नेता अनुज दत्त शर्मा के साथ स्पोर्ट्स कालेज पहुंचे और वहां इन युवाओं की मेडिकल जांच करके, नाश्ता और नौगांव जाने की व्यवस्था करवाई. जिसके बाद हो नौगांव के लिए रवाना हो गए.

अमित गुसांई/संवाद365

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