आ गया…. सुर कोकिला मीना राणा का नया गाना ‘श्री बद्रीनारायण’…

May 24, 2019 | samvaad365

उत्तराखंड की संस्कृति को विदेशों तक ले जाने का श्रेय प्रदेश के लोक गायकों और गायिकाओं को जाता हैं, जो अपने गानों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति और सौन्दर्य को विदेशों तक पहुंचने का काम करते है। ऐसी ही उत्तराखंड की लोक गायिका मीना राणा हैं, जो अपने गानों के माध्यम से देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जानी जाती हैं। मीना राणा के गानों की लम्बी श्रृंखला के बाद राजधानी देहरादून के प्रेस क्लब में नंदा कैसेट्स के बैनर तले एक और गीत श्री बद्रीनारायण गाने का विमोचन किया गया है।

इस दौरान मुख्य अथिति के तौर पर चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद ममगई ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। साथ ही इस कार्यक्रम में लोक गायक दरबान नैथवाल, संगीतकार संजय कुमोला, लोक गायिका  रेखा धस्माना, लोक गायिका संगीता ढौंडियाल, गणपति नौटियाल, बलदेव राणा, एसपीएस नेगी, तेजराम सेमवाल, गणेश सैनवाल, गिरीश सनवाल पहाड़ी, मोहित कुमार, यूवी नेगी, किशोर रावत, एजे फोटोग्राफर्स टीम, गीता उनियाल, विनोद चौहान, सोहन उनियाल, कांता प्रसाद, प्रदीप भंडारी, चंद्रवीर गायत्री, बाबूराम शर्मा, चंदर एमएस कैंतुरा के साथ साथ  कई गढ़मान्य लोग भी मौजूद रहे।

इस दौरान मुख्य अथिति शिव प्रसाद ममगाई ने बताया कि उत्तराखंड के लोक गायकों और लोक गायिकाओं द्वारा हमेशा से ही उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का काम किया है। साथ ही उन्होंने कहा सुर कोकिला मीना राणा की पूरी टीम ने बद्रीनाथ धाम पर आधारित इस गाने को बारीकी से पिरोया है, इसलिए पूरी टीम बधाई  पात्र है, इस गाने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस गाने के माध्यम से पूरे उत्तराखंड की पहचान मीना राणा द्वारा की गई है साथ ही लोगों का आह्वाहन भी किया गया है, कि परम सिद्धि की प्राप्ति भगवान बद्रीनाथ में ही प्राप्त हो सकती है।

वहीं इस अवसर पर स्वर कोकिला मीना राणा ने बताया कि  उत्तराखंड में देवी देवताओं का स्थान सबसे ऊपर होता है, साथ ही वो भी देवी देवताओं पर विश्वास करती है जिस कारण उन्होंने मन बनाया कि बद्रीनाथ धाम पर एक गाना लिखा जाए जिससे मन को शांति का अनुभव हो सके।

साथ ही उन्होंने बताया की गाना एक ऐसा माध्यम है जिससे उत्तराखंड की संस्कृति को दूर दूर तक फैलाया जा सकता है और देवी देवताओं को स्मरण किया जा सकता है। इस दौरान संगीतकार संजय कुमोला ने बताया कि श्री बद्रीनारायण गाना मीना राणा द्वारा लिखा गया है, जिसमें साउंड रिकॉडिस्ट पवन गुसाई, यूवी नेगी, दरबान नैथवाल ने सहयोग दिया है। साथ ही उन्होंने नंदा कैसेट्स का धन्यवाद भी ज्ञापित करते हुए कहा कि बिना नंदा कैसेट्स के ये कार्य पूरा नहीं कर सकते थे, नंदा कैसेट्स ने उनका पूरा सहयोग किया है। जिसके लिए वो नन्दा कैसेट्स के संस्थापक चंदर एमएस कैंतुरा का धन्यवाद करते हैं।

वहीं इस दौरान लेखक व गायक गणपति नौटियाल ने बताया कि अधिकतर देखा गया है की पहाड़ के संगीत में ज्यादा ठहराव नहीं होता है, लेकिन पहली बार लोक गायिका मीना राणा और संजय कुमोला की टीम ने ऐसा एक गाना लोगों के सामने रखा है जो ध्यान साधना से ही गाया जा सकता है, साथ ही उन्होंने संजय कुमोला की पूरी टीम को भी बधाई दी। इस अवसर पर तेजराम सेमवाल ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक दिन है, जिसमे नंदा कैसेट्स के माधयम से श्री बद्रीनारायण गाने का विमोचन किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस गाने के माध्यम से लोगों को भगवान बद्री नारायण से जोड़ने का काम किया गया है और पूरी टीम बधाई की पात्र है। इस दौरान लोक गायिका मीना राणा की प्रशंसक रचना रावत ने बताया कि वो वर्षों से मीना राणा के गाने सुनती आई है, और आज उनका गाया हुआ भजन बद्रीनारायण का विमोचन किया गया है, इस अवसर पर वो इस कार्यक्रम में आई हुई है साथ ही उन्होंने जनता से अधिक से अधिक विडिओ शेयर और सुनने  की अपील भी की है।

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संवाद365/ कुलदीप 

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