ओडिशा में प्रचंड हुआ ‘फानी’, चपेटे में आ सकता है बंगाल

May 3, 2019 | samvaad365

भुवनेश्वर: वैसे तो समुद्री क्षेत्रों में हवाओं के तेज़ होने से हल्के चक्रवात आते रहते है, लेकिन ओडिशा के तटीय इलाकों में तेज़ हवाओं के चलने से चक्रवात फानी और बारिश शुरू हो गई। तूफान ने पुरी के आसपास गोपालपुर और चंदबली के बीच सुबह नौ बजे दस्तक दी। अत्यंत प्रचंड च्रकवात दक्षिणी तटों की ओर बढ़ रहा है। पुरी तट से टकराने के बाद फानी अब धीरे-धीरे सुस्त पड़ रहा है। बता दें कि फानी पुरी में 245 किमी प्रति घंटे की ररफ्तार से दाखिल हुआ था। वहीं इस तू‘फानी’ के चलते, कई इलाकों में बिजली के खंभे गिरने और पेड़ गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। शाम तक इस तूफान के बंगाल में दाखिल होने की भी संभावना है। वहीं इस संकट के समय ओडिशा में प्रशासन पूरी मुस्तैदी से डटा हुआ है।

साल 1999 में आए चक्रवात फानी के बाद ये दूसरा तूफान उठा है, साल 1999 में इस तूफान की चपेट में आकर लगभग 10 हजार लोगों की मौत हुई थी। इन तूफानी हवाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है साथ ही लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है। वहीं,  रेल यात्रा और हवाई यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सूचना जारी की है कि गुरुवार मध्यरात्रि से ही भुवनेश्वर से हवाई यात्राओं को रोक दिया गया है, बेहतर हालात होते ही हवाई यात्रा फिर से शुरू की जाएगी। रेलवे ने ओडिशा से रेलगाड़ियों का परिचालन पहले ही अस्थायी रूप से रोक दिया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि लोगों से अपील है कि सभी लोग घरों में रहे, सुरक्षा के सभी इंतजाम किये गए है। मुख्य सचिव ए.पी. पधी ने कहा कि चक्रवात पुरी के नजदीक लगभग शुक्रवार को आएगा, जिसका समय सुबह साढ़े नौ बजे तक आने की संभावनाए जतायी जा रही हैं। इस चक्रवात के टकराने की पूरी प्रक्रिया 3-4 घंटे की होगी।

वहीं, इस तूफानी चक्रवात को देखते हुए नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी.के शर्मा ने दिल्ली में कहा कि भारतीय नौसेना के पोत सहयाद्री, रणवीर और कदमत को राहत सामग्री तथा चिकित्सा दलों के साथ तैनात किया गया है, जिससे नौसेना द्वारा चक्रवात के तटीय इलाके से गुजरने के फौरन बाद राहत कार्य शुरू कर सकें। इस चक्रवात से गंजाम, गजपति, खुर्दा, पुरी एवं जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर एवं बालासोर सहित ओडिशा के कई तटीय जिलों के काफी प्रभावित होने का अनुमान है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिणी एवं उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली, झारग्राम एवं कोलकाता जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापट्नम जिलों में भी इस तूफान से प्रभावित होने का अनुमान जताया जा रहा है।

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संवाद365/कुलदीप 

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