मसूरी की आधी आबादी खंडहर के भवनों में रहने को मजबूर, कांप जाएगी आपकी रुह

February 9, 2019 | samvaad365

पहाङो की रानी मसूरी की आधी आबादी खंङहर भवनों में रहने को मजूबर है..भवन ऐसे की जिनको देखकर आपकी रुप कांप जायेगी …कभी भूकंप के तेज झटके शहर में आ गया तो बहुत बङा नुकसान हो सकता है … लेकिन शासन प्रशासन इस मुददे पर कभी गंभीर नही दिखाई दिया।

मसूरी में आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र ने 2010 में 3344 भवनों का सर्वे किया था …सर्वे में शहर के 615 भवनों को संवेदनशील घोषित किया गया था..सर्वे रिर्पोट में ये भी कहा गया था कि यदि कभी मसूरी में भुकंप आया तो 240 करोङ का आर्थिक नुकसान हो सकता है ….साथ ही बङे स्तर पर जानमाल की क्षति हो सकती है ..लेकिन इतना गंभीर मामला होने के बाद भी शासन प्रशासन ने सर्वे रिर्पोट पर पिछले आठ सालों में कोई भी कारवाई नही की है ..आये दिन प्रदेश में भुकंप के झटके महसूस किए जाते है ..जिससे मसूरी वासी बेहद डरे और सहमें है।

नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा की राज्य एवं केंद्र सरकार को मसूरी के लिए एसी नीति बनानी चाहिए जिस से स्थानीय लोगों को रहत मिल सके.. साथ ही कहा की वे इस विषय में राज्य एवं केंद्र सरकार को पत्र भेजिंगे ताकि शहर वासियों के लिए कोई हाउसिंग प्रोजेक्ट लाया जाये और इसके लिए नगर पालिका भूमि देने को तैयार है।

मसूरी शहर में अंग्रेजों के जमाने के पांच से सात मंजिला भवन खंङहर में तब्दिल हो गये है ..शहर में ऐसे कई भवन है जो सौ से डेढ साल पुराने और खंङहर है..और आज भी इन भवनों में शहर की आधी आबादी निवास कर रही है….खंङहर भवनों में मोटी दरारे पङ चुकी है ..लोग ङरे सहमे है ..लेकिन लोगों को समाधान नजर आता नही दिख रहा है …अब यदि इस समस्या का समाधान समय रहते नही हुआ तो कभी भी कोई बङा हादसा हो सकता है।

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मसूरी/राजवीर रौंछेला

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