नाराजगी पर हरीश रावत का खुल कर बोलना क्या 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए ये एक खतरे की घंटी है ?

January 18, 2021 | samvaad365

उत्तराखंड में 2022 विधानसभाा चुनाव के लिए अब करीब-करीब 1 साल बचा है और एसे में उत्तराखंड कांग्रेस के बीच की दूरियां खुल कर सामने आने लगी हैं. यहां तक की अब तो प्रदेश का बच्चा-बच्चा भी कांग्रेस के भीतर इस गुटबाजी को हरीश रावत के बयानों के बाद जान चुका है.

हरीश रावत ने सुझाव देते हुए कहा था की पार्टी को प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव लड़ना चाहिए. हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव से उनहें पार्टी के सामुहिक नेतृत्व से बाहर निकालते हुए प्रीतम सिंह या इंदिरा हृदयेश में से किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की बात कही थी.

समाचार ऐजेंसी ANI के मुताबिक रावत ने पार्टी के भीतर इस मुद्दे को उठाया था लेकिन उनहें कहा गया की पार्टी सामुहित नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी.

रावत ने कहा की इससे पहले भी भी मध्यप्रदेश और पंजाब के चुनवों में पार्टी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने का फायदा मिला था. रावत कह चुके हैं की पार्टी जिसे भी मुख्यमंत्री का चेहरा चुनेगा वह उसके पीछे खड़े होकर उनका सहयोग देंगे.

हरीश रावत का मानना है की अहर पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा चुन लेती है तो चुनाव स्थानिय मुद्दों पर होंगे ना की वो राष्ट्रीय और भावुक मुद्दे जिन पर बीजेपी चुनाव लड़ती आ रही है. उनहोंने कहा की लोकल मुद्दों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की लीडरशिप को सवाल करना आसान होगा .

वहीं रावत पार्टी के भीतर अपनी अनदेखी को अब खुलकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर रख रहे हैं. उनहोंने ट्वीट करते हुए तंज किया था की वह अपने साथ स्टूल लेकर चलते हैं क्योंकि उनहें विश्वास नहीं है की उनहें पार्टी के अंदर बैठने के लिए जगह दी जाएगी या नहीं. उनहोंने कहा था की राज्य के किसी भी मुद्दे पर हश्तक्षेत के लिए उनहें राष्ट्रीय नेतृत्व के पास जाना पड़ता है.

(संवाद 365/डेस्क)

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