हाईकोर्ट का आदेश सुमाड़ी से संचालित हो NIT, जानिए और क्या कहा….

May 9, 2019 | samvaad365

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनआईटी का संचालन सुमाड़ी श्रीनगर स्थित अस्थायी परिसर में करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने केंद्र और प्रदेश सरकार से कहा है कि प्रथम वर्ष की प्रक्रिया सुमाड़ी में सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही आईआईटी रुड़की को इस कार्य में प्रदेश सरकार को पूरी मदद करने के आदेश भी हाईकोर्ट ने दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की संयुक्त खंडपीठ में मंगलवार को मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार को एनआईटी के लिए सुमाड़ी में चयनित भूमि की जांच के भी आदेश दिए।

इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से मामले में प्रगति के लिए तीन माह का समय मांगा गया।  कहा गया कि संबंधित भूमि की एनआईटी के लिए उपयोगिता की जांच के साथ ही अंतिम फैसला लेने पर डीपीआर तैयार की जा सकेगी।अदालत ने पिछली सुनवाई में एनआईटी के लिए प्रदेश में चार स्थानों का चयन कर रिपोर्ट तलब की थी। इस आदेश को मंगलवार को वापस ले लिया गया। मामले की अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।

वहीं, श्रीनगर गढ़वाल  में प्रस्तावित एनआईटी के लिए संघर्षरत समाजसेवी मोहन काला ने अपने गांव सुमाड़ी वासियों से अपील की है कि वह सुमाड़ी में एनआईटी को स्थापित करने के लिए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चले। इसके लिए मोहन काला ने एक संदेश दिया है। जिसमें मोहन काला ने कहा कि एनआईटी को लेकर मेरे मन में आप सब की सहभागिता से उत्साह है। यह विषय हमारे एवं हमारी आने वाली पीढ़ी के साथ-साथ समस्त क्षेत्रवासियों के उज्ज्वल भविष्य को बहुत बहुत आगे लेकर जा सकता है। यही कारण है कि मैं इस मामले को  नैनीताल हाईकोर्ट तक लेकर गया और यह हम सब के लिए सौभाग्य की बात है कि इसमें हम सब की जीत हुई है। जिसका नतीजा है कि एनआईटी श्रीनगर में  सुरक्षित है और एनआईटी सुमाड़ी में बनने की प्रबल सम्भावनाएं भी है।

साथ  उन्होंने  बताया कि मुझे यहाँ गाँव वालों के मदद की सख्त जरुरत है क्योंकि हो सकता हैं कि एनआईटी के लिए जगह कम पड़े या फिर आईआईटी रूड़की एनआईटी के लिए और जगह मांगे, खण्डा से जब ऊपर की तरफ आते हैं तो वह क्षेत्र जो एनआईटी को दी है वह सही नही है और एनआईटी अधिकारी उसी जगह को हाईकोर्ट को दिखाकर एनआईटी सुमाड़ी में बने इस कोशिश में लगे हैं, पर मैंने जो वीडियो कोर्ट में दिया है वह बहुत प्रभावशाली साबित हुआ है। इस वीडियो में एनआईटी के लिए जो सही ज़मीन है वही दिखायी गयी है।

इन हालातों में अगर उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं कन्या विद्यालय की जमीन की मांग एनआईटी या आईआईटी रूड़की वाले करे तो ऐसे में हम कॉलेज और स्कूल के लिए एनआईटी वालों को कह कर अलग जगह कॉलेज एवं स्कूल बना सकते हैं जो एनआईटी या राज्य सरकार बनाएगी जो एक बेहतर कॉलेज और स्कूल होगा।वैसे भी मेरा अनुमान है कि एनआईटी आने के बाद कई माडर्न स्कूल सुमाड़ी और आसपास पास में खुलेंगे। अपनी आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए हम सब एक जुट एक मुट होकर एनआईटी के सुमाड़ी में निर्माण के लिए आगे बढ़े।

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संवाद365/कुलदीप 

 

 

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