लाइफ लाइन कही जाने वाली सडकें दे रही बड़ी दुर्घटना को न्योता

January 6, 2019 | samvaad365

ग्रामीण क्षेत्रों की लाइफ लाइन कही जाने वाली सडकें रुद्रप्रयाग जनपद में बडे हादसों को न्यौता दे रही हैं। जिले का अधिकतर क्षेत्र ग्रामीण है और यहां आवागमन का साधन टूटी-फूटी कच्ची सडकें ही हैं मगर सडकों की हालत इस कदर है कि यहां सवारियां जान को हथेली पर लेकर सफर करने को मजबूर है। यहां वाहन चालकों को महज मनमाना किराया वसूलने से मतलब है सडक मार्ग से जुडे विभागों को सिर्फ पहाडियों को खोदकर वाहन चलाने लायक रास्ते बानाने से।

जनपद के पीडा-पाबो, खैडी-क्यार्की, रतूडा-पोखरी, ओडली-नौला कलना, जसोली-कोट-घोलतिर, छेनागाड-उछोला, छेनागाड-बकशीर, कोलू बैण्ड-तडाग-उर्खोली, जैली-मरगांव, काण्डई-कमोल्डी-पीपली, गंगतल-डांगी-बैंजी, गुप्तकाशी-सल्या-तुलंगा मोटर मार्गों समेत कई मोटर मार्ग उबड-खाबड बने हुए हैं और यहां वाहन चालक भी ओवर लोडिंग कर सवारियों को ढो रहे हैं।  परिवहन विभाग तो महज राष्ट्ीय राजमार्गों पर दौडता दिख रहा है तो प्रशासन है कि बडे हादसों के दौरान ही इन मार्गों पर दिखाई देता है। मार्गों पर बेतरतीब तरीके से कटिंगें की गई हैं बडे-बडे गड्डे सवारियों की रुह तक कंपा दे रहे हैं। ओवर लोडिंग तो इस कदर है कि सवारियों को ही पता नहीं है कि वो गाडी में बैठकर सफर कर रहे हैं या फिर कुछ और, उस पर भी वाहन चालकों का मनमाना किराया। बडी बात यह है कि ग्रामीण मोटर मार्गों पर स्थानीय लोगों के ही वाहन चलते हैं और सवारियां भी वाहन चालकों के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं रहती हैं।

हम भी इन सडकों से गुजरे तो पता लगा कि हर किसी को किसी तरह बस अपने गन्तब्य तक पहुंचने के लिए वाहन में थोडी जगह मिल जाय यही काफी है। मगर बडी बात यह है कि आखिर परिवहन विभाग व प्रशासनिक अमला आखिर कर क्या रहा है क्यूं नहीं स्वयं जाकर इन अब्यवस्थाओं को देखता है और कायदे कानूनों की धज्जियां उडाने वाले के विरुद्व कार्यवाहियां क्यूं नहीं करता।

यह ख़बर भी पढ़े- बाजार में खड़े पेड़ यातायात को कर रहे प्रभावित,आम जनता को भी परेशानी

यह ख़बर भी पढ़े- औली में बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिले,पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी

रुद्रप्रयाग/कुलदीप राणा

29485

You may also like