हम भारतीयों की नजर में भले ही नेपाल एक गरीब राष्ट्र हो, मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश और देशवासियों की रक्षा में वो भारत से कई मायनों में आगे है। जी हां हम ये कह रहे तो आपको ये भी बता दें कि आखिर ऐसा क्या किया है नेपाल ने, जिससे भारत जैसे मुल्क को सबक लेने की जरूरत हो।
ये है नेपाल सीमा से सटी पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील। साल 2013 में आई त्रासदी ने धारचूला को भारी नुकसान पहुंचा था। काली नदी के तांडव ने यहां कई घरों को अपने आगोश में लिया था। कुछ ऐसा ही हाल उस वक्त नेपाल का भी था। लेकिन नेपाल ने उस घटना से सबक सीखते हुए आज खुद को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया है। देखिए ये है काली नदी के किनारे बनी नेपाल की मजबूत दीवार, जो कई किलोमीटर तक बनाई जा रही है। ये दीवार इस कदर मजबूत है कि इसके ऊपर नेपाल सरकार ने एक बड़ी सड़क भी बना ली है। लेकिन अब ये देखिए भारत का हाल धारचूला के इस इलाके में दूर-दूर तक मजबूत सुरक्षा दीवार तो छोड़िए सामान्य तटबंध भी कहीं नजर नही आ रहे हैं।
मजबूत सुरक्षा दीवार नही होने से जहां पूरा धारचूला खतरे की जद में है। वहीं भारतीय भू-भाग भी लगातार काली नदी में संमा रहा है। 2013 की त्रासदी को पॉंच साल गुजर गए हैं, गुजरे सालों में नेपाल ने खुद को इस इलाके में इस कदर सुरक्षित कर लिया है कि उसकी सुरक्षा भारत की चिंता का कारण बन गई है। नेपाल की ओर मजबूत सुरक्षा दीवार बनने से अब काली नदी का पूरा बहाव भारत की ओर ही रहेगा। जिससे भारतीय भू-भाग साल दर साल कम होता जाएगा। हालांकि अब सरकार इस बारे में गंभीर होना का दावा कर कर रही है।
कहने को तो भारत ने इस इलाके में सुरक्षा दीवार के नाम 23 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि खपाई है। लेकिन धरातल इतनी मोटी रकम का रत्ती भर अंश भी नजर नही आता है। खोतीला, धारचूला, जौलजीवी और बलुआकोट के इलाके आज भी 2013 की त्रासदी का दंश झेल रहे हैं। लेकिन जिस राष्ट्र को हम खुद की तुलना में कमजोर समझते हैं, उसी नेपाल ने इन इलाकों में अपने मजबूत इरादों से भारत का आईना दिखाया है।
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पिथौरागढ़/मनोज चंद