पूर्व सैनिक वेलफेयर असोसिएशन द्वार ओएनजीसी के पूर्व सैनिकों के लिए की गई प्रेस वार्ता

January 17, 2019 | samvaad365

देहरादून स्थित प्रेस क्लब में पूर्व सैनिक वेलफेयर असोसिएशन द्वारा ओएनजीसी के पूर्व सैनिकों के साथ हो रहे अन्याय के संबंध में प्रेस वार्ता की गई।

संस्था के सलाहकार एम सी पंत ने कहा कि उपनल को 2004 में राज्य सरकार की ओर से कम्पनी अधिनियम के तहत पंजीकृत किया और कम्पनी के संविधान व बायलोज के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को पुनर्वास में कल्याण हेतु स्थापना की गई परंतु राज्य सरकार द्वारा शासन आदेश के आधार पर विशेष आवश्यकता होने पर भूतपूर्व सैनिकों के अतिरिक्त भी कर्मियों को नियोजित करने हेतु उपनल को आउट शोरसिंग एजेंसी के रूप में अधिकृत कर दिया गया और उपनल को सेवा प्रदात्ता मानकर राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों व निगमों में उपनल के माध्यम से हजारों कामया को नियोजित किया गया। परंतु नियमित कार्य व निरंतर प्रकृति के कार्य के विरूद्ध नियमित कर्मियों की भांति काम करने पर भी उन्हें नियमित कर्मचारियों की भांति वेतन व अन्य सुविधाये नहीं दी जा रही है व जीएसटी एवं सर्विस टैक्स भी उनके देय वेतन से काटा जा रहा है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका संख्या 116 साल 2018, कुंदन सिंह बनाम् उत्तराखंड राज्य में उपनल कर्मियों को सीधे सरकार का कर्मचारी माना है और समान कार्य हेतु समान वेतन व न्यूनतम वेतनमान देने के साथ-साथ उनके नियमितिकरण हेतु आदेश पारित किया है। ओएनजीसी द्वारा पूर्व सैनिकों को विधि के विरूद्ध हटाया जा रहा है। पी0बी0ओ0आर0 संगठन निम्न बिन्दुओं पर आपका ध्यान आकर्षित करता है:

1. भारत सरकार के डीजीआर द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को 65 वर्ष सेवा में रहने का अधिकार दिया गया है। उसके विपरीत ओएनजीसी के साथ उपनल ने भारत सरकार के आदेशों के साथ विपरीत 50 वर्ष व 45 वर्ष की अधिकतम सेवा सीमा नियत की है और उसके आधार पर 29 दिसम्बर 2018 | के पत्र द्वारा उपनल ने ओएनजीसी में कार्यरत लगभग 123 सुरक्षा कर्मियों को 01 फरवरी 2019 से । ओएनजीसी से सेवा हटाने का आदेश जारी किया है। जबकि ये सभी व्यक्ति पिछले 10-12 वर्षों से । ओएनजीसी में कार्यरत है और आर्मी सर्विसेज में भर्ती होते समय समस्त आर्हता व शारीरिक योग्यता रखते थे व सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उपनल द्वारा जिस समय ओएनजीसी में रखे गये उस । समय भी पूर्ण आर्हता और शारीरिक योग्यता रखते थे।

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देहरादून/संध्या सेमवाल

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