गैरसैंण ब्लाक के स्यूणी मल्ली गांव के लोग यूहीं नाराज नहीं है। मोटर सड़क के लिए बीते दो दशकों से दर दर भटक रहे ग्रामीण मान चुके हैं कि सरकार को उनकी गुहार से कोई वास्ता नहीं है। जब कभी ग्रामीण आन्दोलन की राह पकड़ते हैं सरकारी नुमाइंदे व विभागीय अधिकारी गांव पहुंचकर आश्वासन की पोटली थमा जाते हैं।
लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ इस बार ग्रामीणों ने पूरी तरह से मन बना लिया है कि खुद सड़क बनाकर सरकार को आइना दिखायेगें। स्यूणी मल्ली गांव के तमाम लोग गैती फावडे लेकर घरों से निकले और सड़क कटान के कार्य में जुट गये। सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है तो ऐसे में ग्रामीणों ने खुद ही सड़क बनाने की ठान ली है। दरअसल गैरसैंण तहसील मुख्यालय से मात्र 6 किमी दूर आगरचट्टी से 7किमी खडी चढाई पर स्थित स्यूंणी गांव के लोगों ने वर्ष 1996 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार से सड़क की मांग की थी। गांव के लोगों का कहना है कि हमने पत्र व्यवहार कर अपनी बात को लगातार हर संम्भव मंच पर उठाते रहे लेकिन ग्रामीणों की आवाज किसी भी सरकारों ने नहीं सुनी। ग्राम प्रधान ने बताया कि ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी बीते दिनों धरना स्थल पर पहुंचा और ना ही आज ग्रामीणों के पास आये। वहीं गुस्साये ग्रामीणों में मोटर सड़क निर्माण को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है। बच्चे युवा महिलाऐं पूर्व सैनिक सभी हाथों में खुदाई के औजार लेकर दोपहर तक सड़क निर्माण में जुट गए।
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चमोली/पुष्कर नेगी