राज्य में नए यात्री वाहनों में पैनिक बटन और ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम जीपीएस लगाना जरूरी हो गया है. जिन वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस नहीं है. परिवहन विभाग ने उनका रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया है. इन आधुनिक उपकरणों के लगने से वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
उत्तराखंड में एक लाख कॉमर्शियल बस टैक्सी और मैक्सी कैब पंजीकृत हैं हर माह एक हजार से 1500 नए यात्री वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है. इन वाहनों में यात्रियों से अभद्रता की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें मिलती हैं. इसलिए सरकार ने यात्री वाहनों में पैनिक बटन और जीपीएस जरूरी किया. एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडेय ने बताया कि पैनिक बटन आपात स्थिति में काम आएगा. कंट्रोल रूम और पुलिस के पास संदेश पहुंचने पर जीपीएस के माध्यम से वाहन की लोकेशन ट्रेस की जाएगी.
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देहरादून/ संध्या सेमवाल