शतरंज के खेल में एशिया के नंबर वन खिलाड़ी बने देवभूमि के सदभव, रचा ये इतिहास

January 11, 2019 | samvaad365

देवभूमि एक बार फिर गौरवान्वित हो गई है जी हां इस बार देवभूमि और देश को गौरवान्वित करने का काम किसी बड़े सेलिब्रिटी या किसी सिंगर, डांसर ने नहीं किया बल्कि इस बार एक आठ साल के खिलाड़ी ने देवभूमि का सिर गर्व से फिर ऊंचा कर दिया है। शतरंज की दुनिया में वैसे तो बड़े-बड़े सुरमाओं के भी पसीने छूट जाते हैं लेकिन उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में रहने वाले आठ साल के सदभव रौतेला ने वो कारनामा कर दिखाया है जिससे देवभूमि के साथ-साथ देश का भी नाम ऊंचा हो गया है।

आठ साल के नन्हे खिलाड़ी सदभव रौतेला ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है। दरअसल उन्होंने विज्ञापन कंपनी फिडे की ओर से जारी ताजा सूची में 1800 रेटिंग अंक हासिल कर सदभव रौतेला एशिया के नंबर एक शतरंज के खिलाड़ी बन गए हैं। बताते चलें कि फिडे की ओर से जारी ताजा रैंकिंग में सदभव ने अंडर-9 आयु वर्ग में उजबेकिस्तान के खुमोयुन बागमुरातोव को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया है। सदभव से पहले भारत के पहले जूनियर ग्रैंड मास्टर परिमार्जन नेगी ने साल 2002 में 10 वर्ष से कम की आयु वर्ग में एशियाई चैंपियन बने थे। जूनियर ग्रैंड मास्टर परिमार्जन नेगी चमोली गैरसैंण के रहने वाले थे।

गौरतलब है कि सदभव की तरह उनके बड़े भाई सक्षम रौतेला भी एक इंटरनेशनल चेस प्लेयर हैं और कई सारे टूर्नामेंट्स जीत चुके हैं। सक्षम ने हाल ही में मुंबई में हुए आईआईएफएल टूर्नामेंट में ग्रैंड मास्टर कैटेगरी में खेलते हुए दो ग्रैंड मास्टर को हराया और एक इंटरनेशनल मास्टर के साथ ड्रा खेला था।

यह खबर भी पढ़ें- हरिद्वार में पूर्व सीएम हरीश रावत ने झबरेड़ा से हरकी पैड़ी तक निकाली गंगा-गन्ना यात्रा

यह खबर भी पढ़ें- अब तक नहीं बना नीति बॉर्डर को जोड़ने वाला मोटर मार्ग, 1992 में मिली थी मार्ग को स्वीकृति

बागेश्वर/हिमांशु गढ़िया

29891

You may also like