उतार चढ़ाव हर किसी के जीवन में आते हैं- उन्मुक्त चंद

April 23, 2019 | samvaad365

टीम इंडिया में शामिल होने का सपना शायद ही कोई क्रिकेटर न संजोए। एक ऐसा ही ख्वाब उत्तराखंड के क्रिकेटर उन्मुक्त चंद ने भी देखा था। इंडियन क्रिकेट लीग में खेलने का मौका भी मिला लेकिन खराब परफॉर्मेंस के चलते उन्हें अगली बार किसी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा। हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचे उन्मुक्त चंद ने उम्मीद जताई है कि वह जल्द ही टीम इंडिया का हिस्सा बनकर बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे।

बता दें कि साल 2000 में मोहम्मद कैफ और साल 2008 में विराट कोहली के बाद साल 2012 में उन्मुक्त चंद ही एक ऐसा नाम था जिनकी कैप्टेंसी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था। इस दौरान उन्मुक्त चंद ने सभी को अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी से प्रभावित किया था। जिसके बाद उनको इंडियन क्रिकेट लीग के छठे सीजन में मुंबई, दिल्ली और राजस्थान जैसी दिग्गज टीमों से खेलने का मौका मिला। हालांकि उन्मुक्त उस दौरान कुछ खास नहीं कर सके।

खराब परफॉर्मेंस के कारण उन्हें अगली बार किसी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा। उन्मुक्त चंद ने बताया कि हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन इस खराब दौर से भी वह सीख रहे हैं। इस समय वह अपने क्रिकेट को पहले से बेहतर करने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समय के साथ परिपक्वता बढ़ती है, जो सुधार के लिए आवश्यक भी है। उन्मुक्त ने कहा कि भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों से उन्होंने कुछ न कुछ सीखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 28 से 34 वर्ष की आयु का समय क्रिकेट के क्षेत्र में उभरने का काफी अच्छा समय होता है। शिखर धवन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उन जैसे कई खिलाड़ियों को काफी समय बाद टीम में खेलने का मौका मिला।

बता दें कि सोमवार को उन्मुक्त चंद ने अपना दिन देव संस्कृति विश्वविद्यालय में ही बिताया। जहां उन्होंने योग और यज्ञ किया। साथ ही छात्रों के साथ क्रिकेट खेला और उन्हें क्रिकेट के गुर भी सिखाए।

संवाद365 / पुष्पा पुण्डीर

 

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