आखिर क्यों की चार जवानों ने खुदकुशी, गहराया रहस्य

February 11, 2019 | samvaad365

सरहद पर देश की सुरक्षा में तैनात एक जवान अपने देश के लिए अपनी जिंदगी तक न्यौछावर कर देता है। वहीं देश के अंदर ये जवान पुलिस का किरदार निभाते हैं जो समाज में होने वाले अपराधों से जनता को सुरक्षित करते हैं। लेकिन क्या हो अगर ये जवान खुदकुशी कर लें। हम बात कर रहे हैं। ऐसे चार जवानों की जिन्होंने एक साथ पुलिस महकमें में भर्ती की, लेकिन इन चारों ने एक एककर खुदकुशी भी कर ली।

उत्तराखंड पुलिस के चारों जवान विपिन सिंह भंडारी, जगदीश सिंह, हरीश और चंद्रवीर सिंह साल 2012 के बैच में उत्तराखंड पुलिस में शामिल हुए थे। लेकिन बीते कुछ सालों में इनमें से तीन जवानों ने आत्महत्या कर ली तो वहीं बाकि बचे एक जवान ने शुक्रवार को खुद को गोली मार कर अपनी जिंदगी को खत्म कर लिया। बता दें कि पुलिस ट्रेनिंग के वक्त से ही इनकी दोस्ती के चर्चे खूब हुआ करते थे, लेकिन एक-एक कर चारों इस दुनिया को अलविदा कह गए। फिलहाल पुलिस मुख्यालय ने सिपाहियों की मौत के कारणों की जांच कराने के आदेश दिए हैं।

चार जवानों की मौत एक रहस्य बनकर रह गई है। जहां पुलिस इस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है तो वहीं जो भी इन चार दोस्तों की खुदकुशी के बारे में सुन रहा है वो हैरान हो जा रहा है। हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाहता है कि आखिर क्या कारण है कि ये चार जवान एक साथ मौत के आगोश में समा गए। शुक्रवार को विजिलेंस मुख्यालय में सिपाही चंद्रवीर सिंह ने खुद को गोली मार ली थी। चंद्रवीर अपने दोस्तों की मौत से दुखी थे। वहीं सबसे पहले सिपाही विपिन सिंह भंडारी डिप्रेशन का शिकार हुए थे जिसके बाद उन्होंने खुद को फांसी लगा ली थी। जिसके बाद उनके दूसरे साथी हरीश ने भी फांसी लगा ली थी। तीसरे साथी जगदीश बिष्ट ने भी सिडकुल में खुद को फांसी लगा ली थी। इन चार जवानों की खुदकुशी एक राज बनकर रह गई है। चार जवानों की मौत से खुद पुलिस महकमा उलझन में है। महज डेढ़ साल के भीतर चारों दोस्त दुनिया छोड़ कर चले गए। फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

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देहरादून/काजल

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