रसोई का बुरी तरह से बिगड़ा बजट, खाने-पीने की सामग्री सहित अन्य वस्तुओं के भी बड़े दाम

November 12, 2022 | samvaad365

नवंबर माह की शुरुआत के साथ ही रोजमर्रा के सामान की कीमतों में इजाफा हुआ है। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से रसोई का बजट बुरी तरह से बिगड़ गया है। तमाम वस्तुओं के दाम 20 फीसदी तक बढ़े हैं। इससे लोगों के किचन का बजट गड़गड़ा गया है। सबसे ज्यादा इजाफा खाद्य तेल की कीमतों में हुआ है। गेहूं महंगा होने की वजह से आटा, सूजी और मैदा के भाव में तेजी बनी हुई है।

व्यापारियों की मानें तो इस माह तेजी बनी रहने की आशंका है। दिसम्बर से कुछ राहत मिल सकती है। हल्द्वानी के व्यापारियों के मुताबिक खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफे का क्रम बीते दो माह से थमा हुआ था। इस बीच सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की कीमतों में गिरावट आई थी।

लेकिन नवंबर माह से इजाफे का क्रम फिर शुरू हो गया है। सरसों तेल, सोयाबीन 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। जबकि सूरजमुखी का भाव 25 से 30 रुपये तक महंगा हुआ है। आटे की बात करें तो तीन रुपये, चीनी दो रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हुई है। दालों का भाव भी 5 से 10 रुपये तक बढ़ गया है।

पिछले माह के मुकाबले नवंबर माह में रोजमर्रा के सामन की कीमतों में इजाफा हुआ है। गेहूं में तेजी होने की वजह से आटे के भाव बढ़े हैं। खाद्य तेलों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।

डॉ. प्रमोद अग्रवाल, मंडलीय महामंत्री, किराना व्यापार मंडल

खाद्य सामग्रियों के भाव नवंबर माह में बढ़े हैं। 20 फीसदी तक अलग-अलग वस्तुओं का भाव बढ़ गया है। खाद्य तेलों के भाव में बीते माह गिरावट आई थी, लेकिन अब कीमतें बढ़ गई हैं।

बिपिन गुप्ता, जिलाध्यक्ष, प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल

खाद्य सामग्री के भाव
सामग्री              पहले                                          अब
सरसों तेल    145-150                             160-165
रिफाइंड तेल   135-140                          145-155
सूरजमुखी तेल 135-140                          155-160
आटा 30-32                                              35-38
चीनी 40                                                         42
अरहर 110-115                                        120-125
मलका 75-80                                              85
उड़द 100-105                                        110-115
काबूली चना 100-115                               120-130

संवाद 365, दिविज बहुगुणा

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