बड़ा सवाल … क्या आज भी उपेक्षित है तिलाड़ी शहीद स्थल ..?

June 2, 2019 | samvaad365

30 मई का दिन उत्तराखंड के इतिहास में एक रक्तरंजित तारीख है. और इस दिन को जाना जाता है तिलाड़ी गोली कांड के नाम से. 30 मई 1930 को सैकड़ों लोग तिलाड़ी के मैदान में अपने हक हकूकों के लिए शहीद हो गए थे. और तब से ही हर साल 30 मई को यमुना नदी के किनारे बड़कोट के पास तिलाड़ी में शहीद दिवस मनाया जाता है. इस जगह पर पहले रवांई जौनपुर के साथ ही राज्य भर के लोग नमन करने पहुंचते थे. इस शहीद मेले को आयोजित करने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है. और इस बार भी यहां पर मेले का आयोजन कर शहीदों को याद किया गया.

जो तस्वीरें आप  देख रहे हैं वो तस्वीरें हैं उत्तरकाशी के बड़कोट के पास तिलाड़ी शहीद स्थल की यहीं पर लोग शहीदों को नमन करने पहुंचते हैं. करोड़ों का खर्च होने के बाद भी इस जगह को उस हद तक विकसित नहीं किया गया जितना होना चाहिए था.

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क्या बोले डीएम साहब ?

तिलाड़ी उत्तराखण्ड का जलियावाला गोली काण्ड है जिलाधिकारी ने जब यहां की दशा देखी तो वह भी खासे परेशान दिखे और उन्होंने यहां पर संग्राहलय बनाने के साथ विकसित करने की बात करते है.

क्या बोले विधायक साहब ?

तिलाड़ी शहीद दिवस मेले को पहले शहीद स्मारक समिति आयोजित करती थी जिसमें गांव गाव से शहीदों के परिजानों को बुलाया जाता था परन्तु अब कई सालो से नगर पालिका द्वारा आयोजित किया जाता है विधायक ने इसे विकसित करने की बात की.

आज भी तिहाड़ी कांड को भूला नहीं जा सकता है और आज भी हर साल यहां पर शहीदों की याद में मेले का आयोजन किया जाता है. लेकिन सीएम और मंत्री स्तर के नेता यहां पर नदारद रहते हैं जिससे की इस क्षेत्र की उपेक्षा भी लोगों को महसूस होती है ऐसे में जरूरत है सरकारों को कि वो इस क्षेत्र को विकसित करें.

संवाद 365/काजल

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