जौनसार बावर के संमांलटा में पहली बार 39 खतो के सदर सियाणा 35 खाग स्याणे जिनको उपसदर स्याणा कहा जाता है सम्मेलन हुआ इसमें जनजातीय क्षेत्र के विकास के के 7 संकल्प पारित किया गया सम्मेलन में जनजाति क्षेत्र के प्राचीन परंपराएं रीति रिवाज और सुलभ सरल न्यायिक प्रणाली को लेकर भी मंथन किया गया समाज सम्मेलन में सियाणऔ ने लोक पंचायत की जमकर तारीफ की लोक पंचायत की इस पहल को सराहनीय पहल बताया.
उन्होंने बताया राजनीति के कारण गांव विखंडित हो रहे हैं तब गांव को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य लोग पंचायत ने किया उन्होंने जौनसार बावर के रीति रिवाज परंपराओं को जीवित रखने के लिए इस प्रकार का आयोजन वह अति आवश्यक कहा आयोजक लोक पंचायत द्वारा सभी सियाणा को पगड़ी तनहा कर स्वागत किया जो कि आकर्षण का केंद्र रहा और संवाद में अलग-अलग क्षेत्र से आए हुए थे उन्होंने अपने अपने विचार रखे जिसमें जौनसार बावर की सरल न्यायिक प्रणाली और जौनसार बावर के तमाम सारे मुद्दे जो जो छेद के हैं जिसमें चाहे क्षेत्र का मारा में बढ़ता नशा आदि प्रमुख मुद्दे रहे यह पहला मौका था आजादी के बाद जो इस प्रकार का समस्त जौनसार बावर वह हिमाचल के कुछ हिस्सों के सियाणा ओं का सम्मेलन हुआ.
आपको बता दें स्याणा एक प्रकार का गांव और पट्टी का मुख्या होता है जौनसार बावर में आजादी से पहले वालों का बोलबाला रहता जिसमें सियाणा की यह करने का एक अपना दरबार होता था जिसमें वह दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद पंचों की सहमति से फैसला दिया करते थे इस प्रकार की न्याय व्यवस्था बहुत ही सस्ती न्यायिक व्यवस्था मानी जाती थी उस समय गांव की निष्पक्षता थी सियाणा प्रथा की विशेषता थी परंतु आज के आधुनिक युग में राजनीति से प्रभावित होकर यह प्रथा डगमगा दी नजर आ रही थी उसी को पुनर्जीवित करने के लिए लोग पंचायत ने यह प्रयास किया की गांव के सभी चरणों को एकत्रित कर अनेकों बिंदुओं पर चर्चा की वह जानने का प्रयास किया कि आखिर वह लोग लोकप्रिय व्यवस्था क्यों डगमगा रही है इसीलिए लोग पंचायत ने सभी सेनाओं को न्योता दिया और सम्मेलन में बुलाया और उनसे संवाद किया अनेकों बिंदुओं पर चर्चा हुई जिसमें मुख्यतः क्षेत्र में बढ़ रही नशाखोरी पलायन संस्कृति संरक्षण रीति रिवाज तीज त्यौहार पर चर्चा हुई
(संवाद365,राहुल चौहान)
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