मुख्यमंत्री ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा, कुम्भ में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

February 11, 2021 | samvaad365

 मुख्यमंत्री ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा

 ऊर्जा निगमों को आपसी समन्वय से कार्य करने के दिये निर्देश

 विभिन्न विभागों के स्तर पर लम्बित विद्युत देयों के लिये प्रक्रिया निर्धारण के दिये निर्देश

 विद्युत लाइन लॉस को कम किये जाने के हों प्रयास

 विद्युत चोरी रोकने के लिये स्मार्ट मीटरों की की जाए व्यवस्था

 सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराये जायें विद्युत बीजक

मख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में विद्युत विभाग की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में  मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार नरेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव वित्त सौजन्या, अपर सचिव और प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल डॉ. नीरज खेरवाल, प्रबन्ध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल के साथ ही निगमों के निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों में तैनात अधीक्षण अभियंता गण उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ऊर्जा के तीनों निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा ताकि राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही जनता को बेहतर बिजली व्यवस्था सुलभ हो सके. उन्होंने विद्युत लाइन लॉस में कमी लाये जाने के साथ ही प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर व्यवस्था बनाये जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम एवं उरेड़ा राज्य की आय के भी आधार है। अतः इनमें बेहतर कार्य प्रणाली एवं कार्य कुशलता जरूरी है। उन्होंने तीनों निगमों की कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शी व्यवस्था के विकास हेतु विजीलेंस की व्यवस्था हेतु तीन पदों की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही यूपीसीएल में आवश्यकतानुसार जे.ई की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिये.

मुख्यमंत्री ने आगामी कुम्भ मेले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये.

बैठक में सचिव ऊर्जा राधिका झा द्वारा प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों, कार्यों तथा ऊर्जा के तीनों निगमों एवं उरेडा के द्वारा कराये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों, उपलब्धियों तथा सुधारों की जानकारी देते हुए बताया कि ऊर्जा विभाग के निगमों एवं अभिकरणों में कार्मिकों एवं अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने हेतु प्रमुख निष्पादन सूचकांक (के.पी.आई.)के आधार पर मूल्यांकन व्यवस्था की गई है। रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एल0ई0डी0 ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है। विभिन्न पदों पर भर्ती के साथ ही निगमों के निदेशकों की भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता हेतु नीति बनाई गई है.

(संवाद 365/डेस्क)

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