पौड़ी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चौथान में बादल फटने, अतिवृष्टि से भारी नुकसान ,गांव में लोगों के खेत घराट हुए नष्ट

July 29, 2021 | samvaad365

उत्तराखंड में बरसात के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है। पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बरसात ने पहाड़ों से लेकर मैदानों तक लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। वहीं बीती रात पौड़ी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चौथान में बादल फटने और अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। तीन घंटे तक चली मूसलाधार बारिश से आधे दर्जन से अधिक गाँवो में मकानों और गौशालाओं को क्षति पहुंची है। । रामनगर नागचुलाखाल मोटर मार्ग जगह जगह बंद है। सबसे ज्यादा नुकसान डुमणीकोट मल्ली-तल्ली, ड़डोली मल्ली, विरधूनी बाजार, बैसाणी और पंसतोड़ा गांव में हुआ है।  वहीं पाठों, रिक्साल, शेरामांडे गांव से भी घरों, खेतों रास्तों को हुए नुकसान के समाचार मिल रहे हैं। बुधवार रात दो बजे के करीब डुमणीकोट के टोप्या गदेरे के ऊपरी हिस्से में बादल फट गया जिससे भारी मात्रा में मलबा, पत्थर, चट्टान पौड़ी-चमोली-अल्मोड़ा जिले को जोड़ने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर आ गया । बड़े पैमाने में फसल बर्बाद हुई है। प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति, इंटरनेट सेवा भी बार बार बाधित हो रही है। जिससे अभी क्षेत्र में हुए नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल पायी है। बादल फटने से मल्ली ड़डोली का गदेरा भी रौद्र रूप में आ गया। गदेरे में आयी भयंकर गाढ़ से गांव की पुलिया बह गई। दो पेयजल स्रोत, तीन घराट नष्ट हो गए। लगातार हुई बारिश से क्षेत्र के विरधूनी बाजार में जगह जगह मलबा आ गया है। मुख्य मोटर मार्ग का स्लैब उखड़ गया है जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। बाजार में एक दुकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है। भारी बारिश और नुकसान के चलते बाजार बुधवार को पूरी तरह बंद रहा। व्यापारियों ने तहसीलदार को आपदा को सूचना दे दी है और जल्द राहत कार्य करने की गुजारिश की है।

भारी बारिश से स्थानीय गदेरे गढ़ी और खली में भी उफान आया जिससे दो पुलिया बह गई। खेतों में मलबा भर गया और देव सिंह, डुमणीकोट मल्ली के मकान, शौचालय का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया। डुमणीकोट तल्ली में भीम सिंह, दौलत सिंह, गुसाईं सिंह के घरों, आँगन में दरारें आयी हैं वहीं प्रेम सिंह, भीम सिंह सरपंच की गौशाला और मकान खतरे की जद में आ गए हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार उन्होंने अपने जीवन में कभी इतनी बारिश नहीं देखी और अगर फिर से भारी बारिश हुई तो पुरे गांव में भारी नुकसान की प्रबल संभावना है।

 

गांव के लोगो ने सरकार से आपदा के तहत तुरंत सुरक्षा और  राहत कार्य शुरु करने की गुहार लगाई है। स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र में थैलीसैंण-गैरसैंण के बीच पचास किलोमीटर के दायरे में आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग द्वारा एक भी वर्षा मापन यंत्र नहीं लगा है। आपदा बचाव के नाम पर देवराड़ी में बना एकमात्र टीनशेड जर्जर अवस्था में पड़ा है। इन सब का खामियाजा ग्रामीणों और किसानों को भुगतना पड़ता है। गौरतलब है कि धन सिंह रावत जो आपदा प्रबंधन मंत्री हैं यहां से वर्तमान में विधायक भी हैं। इससे पूर्व भी चौथान क्षेत्र में देवीय आपदा हो चुकी हैं। जून 2019 को मासों क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। परन्तु इन आपदाओं से कोई सबक नहीं लिया जा रहा है।

संवाद365,भगवान सिंह

यह भी पढ़ें-2 अगस्त से खुलने जा रहे स्कूल,शिक्षा सचिव राधिका क्षा ने अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश

 

64302

You may also like