निगम क्षेत्र में संपत्ति कर को लेकर कोटद्वार मेयर और सरकार के बीच ठनी

November 25, 2020 | samvaad365

कोटद्वार नगर निगम के सम्पूर्ण क्षेत्र में व्यवसायिक सम्पत्तियों पर गृहकर लागू करने के प्रस्ताव के पारित होने के बाद से ही मामले में श्रेत्र की राजनीति गरमाई हुई है. संपत्ति कर को समाप्त करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों का लगातार धरना प्रदर्शन जारी है. मेयर हेमलता नेगी और उनके पती कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

दरअसल मामले में सरकार ने अध्यादेश लाते हुए इस प्रस्ताव को लागू किया है. मामले में मेयर हेमलता नेगी और सुरेंद्र सिंह नेगी ने जन जागरण और हस्ताक्षर अभियान चलाकर लोगों से नगर निगम में ज्यादा से ज्यादा आपत्तियां दर्ज करने कि अपील भी की है.

नगर निगम बोर्ड ने 25 फरवरी 2020 को कोटद्वार नगर निगम के समस्त क्षेत्रों में व्यवसायिक सम्पत्तियों पर गृहकर लगाये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था जिसके बाद मेयर हेमलता नेगी पर भी सवाल खड़े हो रहे थे. जिसके बाद मेयर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा उनहोंने कहा की यह प्रस्ताव ना मेरे द्वारा और ना ही किसी पार्षद द्वारा लाया गया था,  यह प्रस्ताव सरकार के प्रतिनिधि नगर आयुक्त द्वारा बोर्ड बैठक में लाया गया था.

इस दौरान मेयर हेमलता नेगी ने यह आरोप भी लगाया की नगर निगम के पदाधिकारी उनके पद की गरिमा नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा की इस प्रस्ताव की पुष्टि के बाद ही इसको लागू किया जाना था लेकिन बोर्ड बैठक ना होने के कारण यह प्रस्ताव अस्तित्व में नहीं आया था लेकिन इस बीच सरकार ने अध्यादेश जारी कर नगर निगम क्षेत्र की व्यवसायिक सम्पत्तियों पर गृहकर लगाने का टैरिफ जारी कर दिया गया, जिससे बोर्ड प्रस्ताव की कोई अहमियत ही नहीं रह गई है.

वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र नेगी ने भी पत्नी हेमलता नेगी का बचाव करते हुए कहा की क्योंकि प्रस्ताव सरकार के प्रतिनिधि नगर आयुक्त द्वारा बोर्ड बैठक में लाया गया था इसलिए प्रस्ताव को पास करना बोर्ड की मजबूरी थी.

मामले में महापौर हेमलता नेगी ने दो टूक शब्दों में कहा कि वो कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में इस टैक्स को नहीं लगने देगें जिसका वो भरपूर विरोध करेंगी.

(संवाद 365/दलीप कश्यप)

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