देहरादून- स्थाई लोक अदालत ने रूद्रा बिल्डर को दिए ग्राहक के 8.51 लाख रुपये लौटाने के निर्देश

September 2, 2021 | samvaad365

स्थाई लोक अदालत ने रूद्रा बिल्डर के निर्माणाधीन आवसीय प्रोजेक्ट को लेकर एक ग्राहक के फैसला दिया है.

रूद्रा बिल्डर के निर्माणाधीन आवसीय प्रोजेक्ट को नियमों की अनदेखी पर एमडीडीए ने सील कर दिया था. प्रोजेक्ट में एक व्यक्ति ने फ्लैट लेने के लिए 8.51 लाख रूपये एडवांस के रूप में दिए हुए थे लेकिन प्रोजेक्ट सील होने के बाद बाद रूद्रा बिल्डर की ओर से व्यक्ति के पैसे नहीं लौटाये गए. जिसके बाद व्यक्ति ने बिल्डर के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया. स्थाई लोक अदालत ने बिल्डर पर 8.51 लाख रूपये 12 प्रतिशत ब्याज की दर से, 50 हजार रूपये मानसिक उत्पीड़न और पांच हजार व्यय के रूप में चुकाने के आदेश दिए.

आपको बता दें कि रूद्रा बिल्डर की ओर से देहराखास में दून होम्स के नाम से आवसीय फ्लैट बनाएं जा रहे थे.यहां पर राहुल शाक्या ने 1400 वर्गफीट सुपर एरिया में एक फ्लैट बुक कराया था. 18 सितम्बर 2018 को फ्लैट 39.75 लाख रूपये में एग्रीमेंट होने पर उन्होने 8.51 लाख रूपये का भुगतान कर दिया.. एग्रीमेंट में तय किया कि नवम्बर 2019 तक उन्हे बिल्डर के द्वारा फ्लैट मिल जाएगा. ऐसा नहीं होने पर 18 प्रतिशत की ब्याज पर रकम लौटाने की बात की गई. आरोपों के अनुसार रूद्रा बिल्डर के निमार्ण कार्य पूरा होने से पहले गलत तरीके बनाने पर एमडीडीए ने प्रोजेक्ट की सील कर दिया था.

फ्लैट जिस सड़क पर बनाया जा रहा था वहां पर सड़क की चौड़ाई कम थी.. साथ ही साथ निर्माण कार्य भी मानकों के अनुरूप नहीं थे. प्रोजेक्ट के सील होने के बाद पीड़ित ने अपनी रकम वापस मांगी तो बिल्डर ने पैसे देने से साफ मना कर दिया. जिसके बाद पीडित के द्वारा स्थाई लोक अदालत में अपील की गई.. जिसके बाद स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष राजीव कुमार, सदस्य उपेंद्र कुमार और मंजू सकलानी ने आदेश दिया कि रूद्रा बिल्डर को पीड़ित की रकम 12 प्रतिशत ब्याज पर दी गई तिथि से चुकाने और 55 हजार रूपये व्यय के रूप में देने का फैसला दिया.

(संवाद365/डेस्क)

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