डबल MA पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष… फिर भी सड़कों पर भटक रही हैं हंसिका प्रहरी

October 20, 2020 | samvaad365

दबी आवाज, अस्त व्यस्त हुलिया लेकिन अंग्रेजी और हिंदी के शब्दों पर ऐसी पकड़ कि एक पल को देखकर यकीं करना मुश्किल हो कि ये महिला वाकई में सड़कों पर दर दर भटक रही है। ये हैं हंसी प्रहरी निश्चित तौर पर पिछले कुछ दिनों में आप इन्हें जान ही गए होंगे नहीं जाने तो आज जान जाइए। हंसी की हालत देखकर ये यकीं कर पाना काफी मुश्किल होगा कि उनका अतीत कितना सुनहरा था। अल्मोड़ा के सोमेश्वर क्षेत्र के रणखिला गांव की हंसी प्रहरी आज सड़कों पर भीख मांगकर भंडारे में खाना खाकर दर दर भटकते हुए रेलवे स्टेशनों पर अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। लेकिन आपको जरा फ्लैशबैक में लिए चलते हैं। हंसी पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। हंसी कुमाऊं विश्वविद्यालय से पढ़ी हैं। एक वक्त था जब कुमांउ यूनिवर्सिटी का परिसर उनके नाम के नारों से गूंजता था। वो वाइस प्रेसीडेंट का चुनाव लड़ी और जीत गई, राजनीति और इंग्लिश जैसे विषयों में डबल एमए किया, लेकिन समय का पहिया कुछ इस कदर घूमा कि आज हंसी हरिद्वार की सड़कों पर दर दर भटक रही हैं।

हंसी का कहना है कि ये समय का पहिया है जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, पारिवारिक परिस्थितियां हंसी को आज इस हालत में ले आए हैं लेकिन वो अभी भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्ष दे रही हैं बड़ी बेटी नानी के पास रहती है छोटा बेटा शिशु मंदिर में पढ़ता है।

राहत की बात ये है कि अब हंसी के लिए मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं। प्रशासन भी इस बात का संज्ञान ले रहा है उम्मीद है कि जल्द ही हंसी को सिर छिपाने के लिए भी व्यवस्था मिल जाए। लेकिन सलाम है हंसी की इस हिम्मत हो कि वो इतनी कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने बच्चों को शिक्षा दिला रही हैं।

(संवाद 365/नरेश तोमर )

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