यमुनोत्री के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने माना है कि शुरुआती दौर में चार धाम यात्रा में आ रहे यात्रियों को ऋषिकेश और हरिद्वार में कई कई दिनों तक रुकने से परेशानियां उठानी पड़ी।
हालांकि उनका कहना है सरकार का उद्देश्य यात्रा में आ रहे श्रद्धालुओं को परेशान करने का नहीं था बल्कि चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं को समुचित सुविधाएं मिल सके और वहां कोई और अव्यवस्थाएं ना फैले, उसके लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस बार चार धाम यात्रा ऐतिहासिक रूप से चल रही है क्योंकि पिछले 2 वर्ष से कोरोना के कारण लोग चारों धामों के दर्शनों से वंचित हो गए थे। इसलिए इस बार पूरे देश से रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु यात्रा पर आ रहे हैं। केदार रावत का कहना है कि यात्रा में आ रहे श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता रखी गई है, ऐसे में सरकार की मंशा यात्रियों को परेशान करने की नहीं है। हालांकि इससे कुछ लोगों को परेशानीयां जरूर हुई लेकिन यमुनोत्री और गंगोत्री के पैदल मार्गो में श्रद्धालुओं का इतना ओवरफ्लो हो गया था कि रास्ते कन्जेस्टेड हो गए थे। इसके बावजूद शासन और प्रशासन के नियंत्रण से वहां कोई अनहोनी नहीं हुई।
संवाद 365, संदीप रावत
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