गंगा जल हो रहा लगातार प्रदूषित , गंगा का पानी आचमन के लिए साफ नहीं

April 7, 2021 | samvaad365

केंद्र सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी गंगा नदी अपने उद्गम स्थल पर ही निर्मल नहीं हो पा रही है, हाल ही में डॉ सुरेन्द्र सिंह सुथर जो की प्रोफेस्सर हैं स्कूल ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड नेचुरल रिसोर्सेस के ने बताया कि हरिद्वार की विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी पर गंगाजल पीने के लायक नहीं है, हालांकि गंगा जल में स्‍नान किया जा सकता है इसके साथ ही गंगोत्री धाम से आये शिव प्रकाश रावल ने भी गंगा प्रदूषण पर सवाल उठाये हैं उन्होंने कहा है की गंगा गंगोत्री से ही प्रदूषित है  ….कुम्भ नगरी  में 14 अप्रेल को शाही स्नान होगा , गंगा और उसमे आस्था रखने वाले करोड़ों लोग इस महाआयोजन  में शामिल होने के लिए आने वाले दिनों में धर्मनगरी पहुंचेंगे, लेकिन कुम्भ मेला शुरू होने से चंद रोज पहले गंगा पर करोड़ो खर्च के बाद भी साधु संतों में नाराजगी है. कारण यह है कि अब गंगा का जल सिर्फ नहाने लायक ही है.गंगोत्री के रावल शिव प्रकाश ने बताया है की हरिद्वार और ऋषिकेश में कई जगह नाले गिर रहे हैं ..वहीं स्कूल ऑफ़ एनवायरनमेंट एंड नेचुरल रिसोर्सेस दून यूनिवर्सिटी उत्तराखंड के डॉ सुरेन्द्र सिंह सुथर का कहना है कि गंगा का जल काला नहीं है लेकिन गंगा में मिल रहा और  केमिकल भी गंगा में जा रहें है और सीधे नाले इस में गंगा में गिर रहें हैं..हाल ही में जाँच के दौरान 13 केमिकल मिले हैं ….फ़िलहाल गंगा जल स्नान के लिए सही और पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन गंगाजल आचमन व पीने के मानकों के अनुरूप फिलहाल नहीं है. वहीं  गंगा जल में गिर रहे नालो से  साधु-संत आक्रोशित हैं.  आदि शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेर्श्वरानन्द  का कहना है कि गंगा उनकी मां है. गंगा में उनकी आस्था है और कुम्भ  मेले के दौरान मां गंगा के चरणों में रहने के लिए ही वह 12  साल भर इंतजार करते हैं. ऐसे में गंगाजल पीने के लायक हो या न हो, वह तो उसका  पान करेंगे.कुम्भ मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था पर भी ठेस पहुंचती है. कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय से गंगा के लिए लड़ाई लड़ने वाले संत ने कहा की मोदी के गंगा भक्ति से उन्हें लगा की गंगा अब स्वच्छ होगी उमा भारती सहित कई बड़े नेता अभी भी गंगा को प्रदूषण से मुक्ति नहीं दिला पाये हैं गंगा जी के साथ अन्याय बीजेपी और कांग्रेस दोनों के समय में लगातार हो रहा है।

केन्द्र सरकार की तरफ से नमामि गंगे परियोजना चलायी जा रही है फिर भी क्या गंगा की स्वछता और निर्मलता बरकार है इसके तहत अरबो करोड़ो खर्च इस लिए किये जाते है की जब कुम्भ जैसा महाआयोजन होता है उस समय गंगा अमृतमय हो जाती है और देश विदेश से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने गंगा में स्नान करने पहुंचते है तब ऐसे हालत सरकार के गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के दावे धरातल पर कहीं नज़र नहीं आते  |

(संवाद 365/ नरेश तोमर)

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