घनसाली- 12 वर्षों का इंतजार हुआ खत्म, गोनगढ़ पट्टी में भव्य दुध्याड़ी देवी मेला का आयोजन

December 8, 2022 | samvaad365

उत्तराखंड को एसे ही देवभूमि नहीं कहा जाता है यहां पर हर देवी देवताओं का अपना-अपना अलग महत्व है कोई तीन साल बाद भक्तों को दर्शन देता है तो कोई 12 साल बाद. हम बात कर रहे हैं दुध्याड़ी देवी की जो 12 वर्षों बाद अपने भक्तों को दर्शन के लिए आज ब्रह्ममुहुर्त में विधिवत् पूजा अर्चना शंखध्वनि के साथ ज्योति दर्शन दिए.

मां दुध्याड़ी देवी का प्राचीन मंदिर टिहरी जनपद के भिलंगना विकास खंड स्थित गोनगढ़ पट्टी के पौनाड़ा गांव के समीप है, जबकि मंदिर के नजदीक ही एक पौराणिक शक्ति गुफा है जहां मां 12 वर्षों तक विराजमान रहती है. मां दुध्याड़ी के 9 दिवसीय महाकुंभ महाकुंभ मेले का शुभारंभ आज क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण व ब्लॉक प्रमुख बसुमती घणाता ने किया.

वहीं आपको बता दें की कलश शोभा यात्रा के बाद मुख्यातिथियों द्वारा मेले का शुभारंभ किया गया जबकि आज से माता का सात गांव भ्रमण कार्यक्रम भी शुरू हो गया है जबकि 15 दिसंबर को मेला समापन के बाद माता बालगंगा तहसील के विभिन्न गांवों में क्षेत्रीय भ्रमण करेगी जिसके बाद मंदिर प्रांगण में अंखंड देवी भागवत का आयोजन किया जाएगा और तत उपरांत पुनः माता 12 वर्षों के लिए अपनी पौराणिक शक्ति गुफा में विराजमान हो जाएगी.

मंदिर समिति के अध्यक्ष पूरब सिंह पंवार ने बताया कि 12 वर्षों बाद ये पौराणिक मेला लगता है, जबकि यहां पर एक दिव्या गुफा है जो 12 वर्षों बाद ही खुलती है। वहीं उन्होंने बताया कि माता दुध्याड़ी से जिसने भी जो मन्नत मांगी है यहां पर उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.

वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए क्षेत्रिय विधायक शक्ति लाल शाह ने मंदिर समिति की सभी मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया है और कहा कि मेरे सौभाग्य है कि जब 12 साल पहले मैं सांसद प्रतिनिधि के रूप में इस मेले में आया था जबकि आज विधायक के रूम में यहां पहुंचा हूं। विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा कि मैंने तब भी देखा था कि इस मेले में लोग बढ़ चढ़कर आते हैं जो पौराणिक संस्कृति को बचाने का भी कार्य किया जा रहा है जो गोनगढ़ क्षेत्र की जनता बधाई के पात्र हैं साथ ही उन्होंने कहा कि मैं भी मेला समिति को हर संभव मदद करने का प्रयास करूंगा, जबकि पर्यटन को लेकर विधानसभा घनसाली में अपार संभावनाएं हैं जिसे लेकर हम गंभीरता से काम कर रहें हैं.

कार्यक्रम में मौजूद टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि माता 12 वर्षों बाद बाहर आई है जबकि मंदिर समिति द्वारा भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए क्षेत्रिया जनता आभार व्यक्त करती हूं, साथ ही उन्होंने कहा कि मेले हमारे मील मिलाप के भी एक उचित माध्यम है जिस कारण आज कही मां बहिनें अपने संगे सम्बधियों और मित्रों से 12 वर्ष बाद मुलाकात कर रहे होंगे जो अपने आप में उत्साह का क्षण है.

वहीं कार्यक्रम में मौजूद ब्लॉक प्रमुख बसुमति घणाता ने कहा कि आज माता दुध्याड़ी देवी के दर्शन के बाद भव्य मेले के लिए मंदिर समिति के लोगों का धन्यवाद करती हूं जो सदियों से हमारी पौराणिक संस्कृति को बचाए हुए हैं और इस तरह के आयोजन करा रहे हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि यहां पूर्व में भी एक टीन सेड का निर्माण करवाया गया है जबकि आगे कीचन स्टोर और एक और टीन सेड की कराया जाएगा.

वहीं कार्यक्रम में लोकगायक धूम सिंह रावत के गीतों ने भी मेले में चार चांद लगाए, जबकि बासरिया रविना पर दर्शकों भी झूमने को मजबूर हो गए.

ऋषि मुनियों की तपस्थली देव भूमि उत्तराखंड के सिद्धपीठों में से एक शक्ति पीठ अखिल ब्रह्माण्ड नायिका मां भगवती दुध्याड़ी देवी के 12 वर्ष पूर्ण होने पर और मां 12 वर्षों बाद बाहर आने पर 9 दिवसीय विशाल मेला और डोली यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. केदार पुराण के अनुसार गोलक्ष पर्वत, अप्सरा गिरी पर्वत और भृगु पर्वत व मेनका पर्वत के मध्य से आने वाली नदी गोनगढ़ गाड को पुराणों में दूध की नदी से जाना जाता था. इस नदी के उद्गम स्थल गोलक्ष पर्वत है जिसे आप अपभ्रंश में गोजू भी कहते हैं, गोजू गोनगढ़ गाड का उद्गम स्थल है। इस स्थान का नाम दूध खम्बा प्रचलित है, जहां नदी का जल दूध के समान श्वेत लगता है। इसी नदी के किनारे अवस्थित पौनाड़ा गांव में माता दुध्याड़ी देवी का भव्य मंदिर स्थित है जहां पर प्रत्येक 12 वर्षों बाद मां दुध्याड़ी देवी का भव्य और दिव्य मेला आयोजित किया जाता है.

(संवाद 365, पंकज भट्ट)

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