सावन का महीना आते ही मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी सजने लगते हैं। सावन के दौरान इनकी खूब डिमांड होती है। खासतौर पर तीज और रक्षाबंधन पर तो घेवर और फेनी की मांग और बढ़ जाती है। चूंकि सावन का महीना होता है, ऐसे में इस मौके पर आज हम आपको बताएंगे कि सावन के इस महीने में घेवर और फेनी क्यो खाए जाते हैं। मिष्ठान विक्रेताओं की मानें तो घेवर की मान्यता सावन माह में ही होती है उत्तर भारत में सावन के महीने में इनका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह है कि सावन का महीना वर्षा ऋतु का महीना माना जाता है। इस महीने में नमी होने के चलते मिठाइयों में चिपचिपाहट हो जाती है। लेकिन घेवर बरसात की नमी से खराब नहीं होते, बल्कि उनका स्वाद और ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं सावन के महीने में हरियाली तीज और रक्षाबंधन जैसे त्योहार होते हैं। इन त्योहारों में मिठाइयों की मांग ज्यादा होती है। भाई अपनी बहनों के घर घेवर लेकर जाते हैं और महिलाएं अपने पीहर वापस लौटती हैं वो भी घेवर लेकर ही पहुंचती है यही वजह है कि सावन आते ही मिठाई की दुकानों पर घेवर नजर आने लगते हैं और ये सावन के बाद तक पूरी वर्षा ऋतु तक चलता हैं।यही कारण है कि सावन माह में घेवर का विशेष महत्व माना जाता है।
संवाद365,नरेश तोमर